सुप्रीम कोर्ट का ‘व्हाई आई किल्ड गांधी’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार, याचिकाकर्ता को HC जाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को फिल्म ‘व्हाई आई किल्ड गांधी’ (Why I Killed Gandhi) की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने को कहा। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Indira Benerjee) और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी (JK Maheshwari) की पीठ ने सिकंदर बहल (Sikandar Behl) द्वारा अधिवक्ता अनुज भंडारी (Anuj Bhandari) के माध्यम से दायर याचिका पर विचार करने से मना कर दिया।
हालांकि कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक नागरिक के रूप में याचिकाकर्ता के लिए चिंता का गंभीर कारण है। यह भी देखा गया कि नागरिक के किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी शिकायतों के साथ हाईकोर्ट (High Court) जाने को कहा है। अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत ऐसे मामलों की सुनवाई और न्याय करने का अधिकार भी उच्च न्यायालय के पास है। याचिकाकर्ता ने फिल्म के निर्माता पर महात्मा गांधी को बदनाम करने का आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, ‘व्हाई आई किल्ड गांधी’ शीर्षक से एक फिल्म बनाई गई है। जिसे कल्याणी सिंह ने राइट्स मीडिया इंटरनेशनल के बैनर तले निर्मित किया है। याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) द्वारा महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या और अदालत के मुकदमे पर आधारित है। जिसने इसे सुनिश्चित किया और फिल्म महात्मा गांधी की छवि को धूमिल करने का प्रयास करती है और साथ ही साथ नाथूराम गोडसे का महिमामंडन करती है।
बता दें इस फिल्म में गोडसे का किरदार राकांपा सांसद और एक्टर अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) ने निभाया है। इस फिल्म की शूटिंग 2017 में हुई थी। अमोल को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वह कभी महात्मा गांधी के हत्यारे की विचारधारा का समर्थन नहीं करेंगे। सांसद ने कहा, मैंने फिल्म में नाथूराम की भूमिका निभाई, लेकिन मैं उनकी विचारधारा का समर्थन नहीं करता। छोटी सी बात से महात्मा गांधी के विचार कभी नहीं मिटेंगे।