सप्ताहभर में 2000 रुपये महंगा हुआ लोहा, सीमेंट के दामों में 10 दिन में तीन बार बढ़ोत्तरी
लोकेश सोलंकी, इंदौर। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और घर का सपना देख रहे लोगों पर एक बार फिर कमरतोड़ महंगाई की मार पड़ती दिख रही है। लोहे के दाम तेजी से ऊपर की ओर जा रहे हैं। लोहा इंगट सप्ताहभर में 2000 रुपये महंगा हो चुका है। पीछे-पीछे आयरन मिले सरिये के दाम भी बढ़ा रही है। सीमेंट नए साल में लोहे से रेस लगाती दिख रही है। 20 जनवरी को सीमेंट के दाम बढ़ाने के बाद एक फरवरी से पहले दो बार और दामों में वृद्धि की घोषणा कर दी गई है।
इंदौर के बाजार में सोमवार को लोगा इंगट के दाम 500 रुपये बढ़ाकर खोले गए। लोहा कारोबारी मनोज शर्मा के अनुसार मंडी गोविंदगढ़ से इंगट के भाव 47500 रुपये बताए गए। सप्ताहभर पहले लोहा इंगट 45500 रुपये बिक रहा था। इसके साथ सरिया मिलों की ओर से भी दामों में वृद्धि कर दी गई। सरिया कारोबारी यूसुफ लोखंडवाला के अनुसार इंदौर बाजार में अलग-अलग ब्रांड के सरिये में सोमवार को दो से तीन रुपये किलो की तेजी आई। 100 एमएम से 25 एमएम सरिया सोमवार को 59500 से 62500 रुपये क्विंटल बिक रहा है।
सप्ताहभर पहले 46800 रुपये के दाम पर सरिया बिक रहा था। लोहा कारोबारी मान रहे हैं कि लोहे में सीधे तौर पर सट्टेबाजी चल रही है। लोखंडवाला के अनुसार इन दिनों व्यापार ठंडा है। खास मांग नहीं होने के बावजूद इतनी तेजी सीधे तौर पर सट्टेबाजी का असर है। दो-तीन साल पहले पूरे सीजन में बमुश्किल 500 से 600 रुपये की तेजी-मंदी होती थी। अब तो लोहे व्यापारी और ग्राहक दोनों के लिए मुसीबत बन रहा है। तेजी देख ग्राहक भी बाजार से दूर हो गए हैं।
सीमेंट में लगातार बढ़ेंगे दाम
20 जनवरी को सीमेंट के दामों में पांच रुपये की वृद्धि की गई थी। प्रदेश के सबसे बड़े सीमेंट वितरक हेमंत गट्टानी के अनुसार दामों में वृद्धि का सिलसिला अभी रूका नहीं है। 28 जनवरी को एक बार फिर सीमेंट कंपनियों ने दाम बढ़ाने की घोषणा कर दी है। 28 जनवरी को पांच रुपये दाम और बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद तीसरी दाम वृद्धि एक फरवरी को होगी। एक फरवरी को सीमेंट के दामों में सीधे 10 से 15 रुपये का इजाफा होने की घोषणा है। अभी सीमेंट इंदौर में प्रति बोरी 340 से 250 रुपये बोरी के दाम पर बिक रही है। फरवरी में संभवत: 360 रुपये से नीचे सीमेंट न मिले। सीमेंट कंपनियों ने बीते समय उर्जा खर्च बढ़ने को दाम बढ़ने की वजह बताया था। अब कच्चे माली की कीमतों के साथ जोरदार मांग को भी कीमतें बढ़ने की वजह माना जा रहा है।