अब गांवों में बढ़ रहा तीसरी लहर का खतरा, जानें क्या कहते हैं संक्रमण के उतार-चढ़ाव वाले आंकड़े
Third Wave in Villages। देश में कोरोना संक्रमण के नए केस 24 घंटे में भले ही 3 लाख से कम हो गए हो, लेकिन अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा गांवों में बढ़ रहा है। जानकारों के मुताबिक देश के ग्रामीण क्षेत्र अब महामारी की तीसरी लहर में कोविड-19 के ताजा मामलों में वृद्धि की सूचना देने के लिए अपने बड़े शहरों में स्थानांतरित हो गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में प्रतिदिन अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। देश के शहरों की तुलना में ग्रामीण हिस्सों में बढ़ते संक्रमणों में यह बदलाव भारत की पिछली दोनों कोरोना तरंगों में भी देखा गया था।
आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि दिल्ली और मुंबई में क्रमशः 16 जनवरी और 13 जनवरी से अपने सात दिनों के औसत नए केस में गिरावट देखी गई है। इसके अलावा चेन्नई और कोलकाता जैसे अन्य महानगरों में भी संक्रमण के मामले तेजी से गिर रहे हैं।
संक्रमण दर में भी गिरावट
23 जनवरी को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक संक्रमण 309,244 था, जबकि इससे एक सप्ताह पहले यह संख्या 239,100 थी, यानी 7 दिनों में 29.3 फीसदी की वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र में मुंबई और मुंबई उपनगरीय जिलों के लिए सात-दिवसीय औसत 15 जनवरी को 14,038 से घटकर 21 जनवरी को 6,934 हो गया, यह राज्य के बाकी हिस्सों में 28,080 से बढ़कर 35,315 हो गया। इससे यह जानकारी मिलती है कि नए केस में वृद्धि अब उन जिलों में हो रही है जो कम शहरी क्षेत्र हैं।
शहरी क्षेत्रों में संख्या के आधार पर ज्यादा मामले
21 जनवरी को 7 दिन के औसत वृद्धि दर बड़े पैमाने पर शहरी जिलों में 4.5% है। वहीं पूरी तरह से ग्रामीण जिलों में विकास दर 6.7% (ग्रामीण आबादी का 60 से 80 प्रतिशत) और 6.9% (ग्रामीण आबादी का 80 प्रतिशत से अधिक) थी। कुल संख्या के आधार पर शहरी जिलों में नए संक्रमण के मामले भी थोड़े ज्यादा हैं। 21 जनवरी को 7 दिन का औसत पूरी तरह से शहरी जिलों में 70,142, बड़े पैमाने पर शहरी जिलों में 60,637, मिश्रित जिलों में 53,024, बड़े पैमाने पर ग्रामीण जिलों में 61,914 और पूरी तरह से ग्रामीण जिलों में 41,226 था।
गांवों में प्रवेश कर चुकी है तीसरी लहर
क्या कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अब ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर चुकी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2011 की जनगणना में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी के हिस्से के आधार पर जिलों को पहले वर्गीकृत किया। अध्ययन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 20 फीसदी से कम आबादी वाले जिलों को पूरी तरह से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली 80 फीसदी से अधिक आबादी वाले जिलों को पूरी तरह से ग्रामीण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 20 प्रतिशत के अंतर के साथ जिलों को बड़े पैमाने पर शहरी, मिश्रित और बड़े पैमाने पर ग्रामीण जिलों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।