इंदौर के सिरपुर तालाब की सूरत संवारने के लिए लगेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
इतिहास और पर्यावरण दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर का सिरपुर तालाब को जल्द ही सीवरेज के दूषित पानी से मुक्ति मिलेगी। आसपास की कालोनियों से बहकर आने वाला सीवरेज का पानी अब तलाब में नहीं मिलेगा। सीवरेज के पानी से लगातार दूषित होते तालाब को स्वच्छ करने के लिए अब यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया जाएगा। इस ट्रीटटमेंट प्लांट के लगने के बाद तालाब को तो दूषित पानी से मुक्ति मिलेगी ही साथ ही तालाब के आसपास विकसित हो रहे बगीचे और कालोनी के बगीचों की सिंचाई भी इस पानी से ही की जाएगी। इस ट्रीटमेंट प्लांट के लिए दिल्ली की एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है और एक माह में यह कार्य शुरू भी हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नईदुनिया ने दो भागों में बंटे सिरपुर तालाब के छोटे हिस्से में सिवरेज का पानी मिलने से तालाब के दूषित होने और वहां जलकुंभी के बढ़ने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद नगर निगम ने इस दिशा में कार्य किया और यहां 20 मिलियन लीटर परडे (एमएलडी) की क्षमता वाले सिवरजे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का निर्णय लिया।
करीब 600 एकड़ में फैले सिरपुर तालाब के लगभग ढाई सौ एकड़ वाले छोटे भाग में वर्षों से सीवरेज का पानी मिल रहा है। बीते दो वर्षों में इस वजह से यहां जलकुंभी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि तालाब का 75 प्रतिशत भाग इससे ढंक गया। तालाब में जलमल के मिलने से प्रवासी पक्षियों की आमद में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा। पर अब इस ट्रीटमेंट प्लांट के शुरू होने से यह समस्याएं खत्म हो जाएगी। यहां 40 करोड़ की लागत से यह प्लांट लगाया जाएगा। यह काम दिल्ली की एजेंसी सीमा लैब को सौंपा गया है।
तीन मीलियन लीटर का टैंक भी बनेगा
यहां 20 एमएलडी की क्षमता वाला ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इसे प्रजापत नगर के पास उस हिस्से में लगाया जाएगा जहां बड़े और छोटे तालाब मिलता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में यहां करीब 12 एमएलडी सिवरजे पानी आता है और अगामी वर्षों में पानी की क्षमता में बढ़त का अनुमान लगाते हुए 20 एमएलडी का प्लांट लगाया जा रहा है। यहां तीन मीलियन लीटर की क्षमता वाला ओवर हेड टैंक भी बनेगा। करीब दो एकड़ क्षेत्रफल में यह प्लांट आकार लेगा।
ध्वनि प्रदूषण भी कम करने का प्रयास
असिस्टेट इंजीनियर आरएस देवड़ा के अनुसार यहां लगने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की खास बात यह रहेगी कि जल के साथ ध्वनि प्रदूषण को भी कम करने पर ध्यान दिया जाएगा। सामान्य ब्लोअर लगने पर आवाज करीब 90 डेसिमल तक आती है लेकिन टर्बो ब्लोअर के लगाए जाने से यह आवाज 75 से 80 डेसिमल हो जाएगी। यह तकनीक खासतौर पर विदेश से यहां लाई जाएगी।
एक वर्ष में होगा कार्य पूरा
झोनल अधिकारी सुनील गुप्ता के अनुसार यहां पहले यहां दो तरह की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। एक लाइन के जरिए सीवरेज का पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा और दूसरी लाइन के जरिए उपचारित पानी सिरपुर तालाब, आसपास बने बगीचे और कालोनी के बगीचों में पहुंचाया जाएगा। फरवरी माह में कार्य शुरू हो जाएगा और करीब एक वर्ष में यह कार्य पूरा हो जाएगा। कंपनी का चयन टेंडर के जरिए हुआ है और इस कंपनी द्वारा शहर में पहले भी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा चुका है।