छह माह में ही दरक गई सात करोड़ की सड़क
नगर में टू-लेन सड़क का निर्माण कार्य तीन वर्ष पूर्ण हुआ है। जावर जोड़ से जावर तक चार किलोमीटर की सीसी रोड निर्माण जिसकी लागत लगभग सात करोड 30 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। ठेकेदार की लापरवाही व पीडब्ल्यूडी विभाग के लापरवाह अधिकारियों की अनदेखी के कारण जावर जोड़ से जावर तक 4 किलोमीटर तक टू-लेन निर्माण किया गया था, जो निर्माण के 6 माह में ही कई जगह से उखड़ गया, तो कई जगह बड़ी-बड़ी दरारे रोड के बीच में पड़ गई है। वहीं कुछ माह पूर्व उन दरारों पर डामर का लेप लगाकर खाना पूर्ति की थी।
सडक निर्माण कार्य के दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्माण का निरिक्षण भी किया गया था। अधिकारियों द्वारा इस रोड का ठीक से निरिक्षण कर निर्माण सामग्री की गुणवत्ता सुनिष्चित कर ली जाती, तो शायद इस रोड पर बडी-बडी दरारे व गड्डे नहीं होते। इससे यह लगता है कि अधिकारियों का निरीक्षण मात्र खानापूर्ति ही था। ज्ञात रहे कि जावर नगर से लेकर जावर जोड़ तक टू-लेन सड़क निर्माण के लिए निर्माण ऐंजेसी को सा करोड 30 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, लेकिन ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते सड़क में महज छह माह में ही बड़ी-बड़ी दरारे पड़ने लगी, जिसका खामियाजा इस रोड से निकलने वाले नगर व क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
रोड पर भरा रहता है पानी
लोगो का कहना है कि सरकार द्वारा सडक निर्माण के लिए करोडो की राषि स्वीकृत की गई थी। परन्तु ठेकेदार की लापरवाही के कारण निर्माण में गुणवत्ता नहीं होने से सड़क में दरारें व गड्ढे दिखने लगे हैं। ठेकेदार द्वारा बनाए गए रोड की पोल नगर में हुई पहली बारिश में ही खुल गई थी। जावर जोड़ से लेकर जावर तक कई जगह सड़क पर ढाल व समतल नहीं होने के कारण बारिश का पानी रोड पर भरा दिखाई देने लगा था।
नहीं लगाए संकेतक
नगर में बनाए गए टू-लेन सड़क में ठेकेदार द्वारा चार पहिया वाहन, दो पहिया वाहन के लिए संकेतक भी नहीं लगाए गए, जिससे इस मार्ग पर तीव्र गति से चलने वाले वाहनो के कारण कई बार दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि यदि ठेकेदार द्वारा सड़क पर रेडियम के संकेतक लगा दिए जाते तो रात के समय काफी हद तक दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। प्रभारी तहसीलदा शेखर चौधरी का कहना है कि मुझे घटिया निर्माण की जानकारी नहीं है। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्राचार कर सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।