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जबलपुर में जहां मिला था खटुआ का शव वहां आज जाएंगे मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट के पूर्व डायरेक्टर डा. बीके सत्पति

मप्र मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट के पूर्व डायरेक्टर डा. बीके सत्पति खटुआ हत्याकांड के सिलसिले में सोमवार को जबलपुर आ रहे हैं। वे घटनास्थल का जायजा लेंगे जहां खटुआ का शव मिला था। जीसीएफ में जेडब्ल्यूएम रहे शारदा चरण खटुआ का रक्तरंजित शव पाटबाबा की पहाडि़यों में पांच फरवरी 2019 को मिला था। एक हजार दिन से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद पुलिस उनके हत्यारों तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस अधिकारियों के विशेष आग्रह पर डा. सत्पति खटुआ हत्याकांड में अपनी राय देने के लिए तैयार हुए हैं। उनकी रिपोर्ट हत्याकांड के खुलासे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पुलिस ने हत्या की एफआइआर दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हत्या की पुष्टि की गई थी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर गठित एसआइटी हत्याकांड की जांच कर रही है। आरोपितों की गिरफ्तारी पर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इनाम की घोषणा की गई थी। इधर, खटुआ की पत्नी मौसमी खटुआ ने गत दिवस एसआइटी से जुड़े अधिकारियों पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि एसआइटी उनके पति की हत्या को आत्महत्या का रूप देने की साजिश कर रही है। उनकी हत्या को देश की पहली स्वदेशी आर्टलरी गन धनुष आर्टलरी की सीबीआइ जांच से जोड़ा गया था।

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यह है मामला : गन कैरिज फैक्ट्री जीसीएफ में जेडब्ल्यूएम रहे खटुआ पर एक मामले को लेकर सीबीआइ ने शिकंजा कसा था। 17 जनवरी 2019 की सुबह वे घर से निकले थे, जो वापस नहीं लौटे। गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज कर घमापुर पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। जिसके बाद पांच फरवरी को उनका शव जीसीएफ स्थित उनके शासकीय आवास से करीब एक किलोमीटर दूर पाटबाबा की पहाड़ी में चट्टानों के बीच मिला था। शव क्षत विक्षत हो चुका था। लंबे समय तक हत्याकांड का खुलासा न होने के कारण उनकी पत्नी ने हाई कोर्ट से सीबीआइ जांच की मांग की थी। खटुआ के स्वजन ने जीसीएफ के कुछ अधिकारियों, कर्मचारियों पर हत्या का संदेह जताया है। कुछ संदेहियों के नाम भी पुलिस को बताए थे। बताया जाता है कि पुलिस संदेहियों से पूछताछ कर चुकी है। 100 से ज्यादा मोबाइल की सीडीआर की छानबीन की जा चुकी है परंतु खटुआ के हत्यारे अब भी खुलेआम घूम रहे हैं।

मेड इन चायना का सील लगाकर बेची थी बैरिंग : बताया जाता है कि जीसीएफ में धनुष आर्टलरी गन 155 एमएम के निर्माण की कार्ययोजना सरकार ने स्वीकृत की थी। गन में उपयोग होने वाले वायरलैस रोलिंग बैरिंग की आपूर्ति का ठेका दिल्ली की सिद्धी सेल्स कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने चायना मेड में मेड इन जर्मन की सील लगाकर बैरिंग की सप्लाई कर दी थी। शिकायत होने पर सीबीआइ मुख्यालय दिल्ली ने इस मामले में जांच प्रारंभ की थी। जांच के दौरान सीबीआइ ने खटुआ के घर में दबिश दी थी। जिसके बाद पूछताछ के लिए खटुआ को दिल्ली तलब किया था। वे फैक्ट्री के निर्देश पर दिल्ली जाना चाहते थे, परंतु तत्कालीन महाप्रबंधक ने अनुमति देने से मना कर दिया था।

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