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मध्‍य प्रदेश के धार जिले में डायनासोर जीवाश्म पार्क में बनेंगे दो संग्रहालय

संग्रहालय में लोगों को दी जाएगी जीवाश्म के महत्व की जानकारी

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भोपाल (राज्य ब्यूरो)। धार जिले में राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म पार्क में दो संग्रहालय बनाए जाएंगे, जिसमें एक संग्रहालय खुला और दूसरा बंद होगा। ये थ्रीडी प्रिंट पर आधारित होगा। इसके माध्यम यह बताया जाएगा कि हमारी पृथ्वी कैसे बनी, जीव कैसे आए, पर्वत कैसे बने और लावा कैसे फटा। हमारे जीव कैसे नष्ट हुए और शुरू से लेकर अब तक कैसे-कैसे बदलाव आते गए। पार्क में डायनासोर के अंडे सहित अन्य जीवाश्म को संरक्षित करने के संबंध में बताया जाएगा। इसे खुले संग्रहालय में रखा जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि जो जीवाश्म हैं, वो कितने पुराने हैं।

प्रदेश में जीवाश्म पार्क के कांसेप्ट प्लान को लेकर सोमवार को वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल की अध्यक्षता में बैठक की गई। बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने कांसेप्ट प्लान के संबंध में जानकारी दी। प्लान को प्रमुख सचिव सहित अन्य समितियों ने स्वीकृत कर दिया है। अब पार्क में संग्रहालय बनाने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) तैयार किया जाएगा। संग्रहालय में नर्मदा वैली की पूरी संस्कृति, इतिहास, वर्तमान और वहां मिलने वाली जीवों और नष्ट हुए जीवों के संबंध में बताया जाएगा। बैठक में जीवाश्म के क्षेत्र में तीस साल से काम कर रहे शिक्षक विशाल वर्मा ने प्रस्तुतीकरण दिया।

बताया जाएगा धरती का इतिहास

जीवाश्म पार्क में धरती का इतिहास बताया जाएगा। यह बताया जाएगा कि पृथ्वी के इतिहास में किस-किस तरह से बदलाव आया। किस-किस समय में कितना बदलाव आया है। जीवाश्मों और हजारों वर्ष पहले नष्ट हुए पौधों के अवशेषों में किस तरह से अपने आप परिवर्तन हुआ। बताया जाता है कि नर्मदा वैली और धार के आसपास पृथ्वी का इतिहास करीब छह करोड़ 50 लाख वर्ष पुराना है। नर्मदा के भी सबसे पुरानी नदी होने के प्रमाण मिले हैं। गौरतलब है कि फासिल पार्क 90 हेक्टेयर का है। इसमें इंटरप्रटेशन सेंटर में इन सारी चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा।

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