मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज के निर्देश के बाद भी ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को राहत का इंतजार
मध्य प्रदेश में फसल नुकसान का रकबा डेढ़ लाख हेक्टेयर के पार
प्रारंभिक आकलन के अनुसार 500 करोड़ रुपये देनी होगी आर्थिक सहायता
भोपाल(राज्य ब्यूरो)। प्रदेश के कई जिलों में हुई ओलावृष्टि के 15 दिन बाद भी किसानों को राहत राशि बांटने का काम शुरू नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर नौ जनवरी को सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए थे कि किसानों की फसल का जो नुकसान हुआ है, उसका तत्काल सर्वे कर राहत राशि दी जाए। इसके लिए एक सप्ताह का समय तय किया गया था। इसके बावजूद 15 दिन बीतने के बाद भी किसानों को न तो राहत मिली है और न ही सर्वे का कार्य पूरा किया गया है। अब तक 25 जिलों में डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल के नुकसान का आकलन किया गया है।
मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि से रबी फसलों को पहुंचे नुकसान के आकलन का सर्वे नौ जनवरी से कराया जा रहा है। अभी 25 जिलों से प्रारंभिक रिपोर्ट आई है। इसमें फसल नुकसान का क्षेत्र (रकबा) डेढ़ लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। 70 तहसीलों के एक हजार 157 गांवों के एक लाख 67 हजार 201 किसानों की फसल को क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए थे कि सात दिन में सर्वे का काम पूरा कर तीन दिन बाद से किसानों को राहत बांटी जाए। लेकिन अब तक सर्वे ही पूरा नहीं हो पाया है। किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधान अनुसार आर्थिक सहायता देने के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत पड़ेगी। यह राशि सभी जिलों को आपदा राहत फंड से ग्लोबल हेड में उपलब्ध कराई जाएगी।
छह से 10 जनवरी के बीच प्रदेश में ओलावृष्टि से रबी फसलें प्रभावित हुई हैं। फसल क्षति का आकलन करने के लिए सभी जिलों में सर्वे कराया जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट के बाद दावे-आपत्तियों का निराकरण करके किसानों को सहायता देने के लिए अंतिम आदेश जारी किए जाएंगे।
इनका कहना है
सर्वे का काम अभी चल रहा है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। कोरोना के कारण सर्वे में कुछ विलंब हुआ है। फिर भी हमारी कोशिश है कि राहत बांटने का काम जल्द प्रारंभ कर दें।
मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग।