इंदौर में ब्रोकरशिप कंपनी के कर्मचारी के साथ हुई 7 लाख की लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कंपनी में काम करने वाला कर्मचारी ही इस लूट का मास्टरमाइंड निकला। उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस घटना की साजिश रची थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पहले से कर्ज में डूबा था और इस कर्ज से उबरने के लिए उसने यह योजना बनाई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शुक्रवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लूट की रकम बरामद कर ली है।
ऐसे रची गई साजिश
टीआई संजू कामले के मुताबिक, नवलखा स्थित एक ब्रोकरशिप कंपनी के मालिक आकाश जैन ने अपने कर्मचारी राजू दांगी को 4 मार्च को व्यापारी पवन जोशी से पेमेंट लेने महारानी रोड भेजा था। राजू दोपहर में स्कूटर से निकला और करीब एक घंटे बाद फोन कर बताया कि जब वह पटेल ब्रिज के पास पहुंचा तो नकाबपोश बदमाशों ने चाकू दिखाकर उसका बैग छीन लिया।
डर के कारण राजू सीधे नवलखा ऑफिस पहुंचा और वहां से आकाश के साथ थाने जाकर लूट की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस को राजू की बातों पर संदेह हुआ और मामले की गहराई से जांच शुरू की।

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे विक्की निवासी पालदा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने विक्की से पूछताछ की तो पता चला कि वह राजू का दोस्त है और लूट की पूरी योजना राजू ने ही बनाई थी।

पूछताछ में सामने आया कि राजू पर भारी कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उसने यह लूट का प्लान बनाया। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने लूट की पूरी रकम बरामद कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आगे की कार्रवाई जारी है।
एक लाख रुपए की थी उधारी
पुलिस के मुताबिक राजू करीब 6-7 साल से जैन की साथ काम कर रहा था। उसके ऊपर 1 लाख रुपए की उधारी थी। उसी उधारी को चुकाने के लिए उसने अपने दोस्त विक्की के साथ मिलकर लूट की प्लानिंग की थी। विक्की भी एक निजी कंपनी में नौकरी करता है।