तिरंगा लगाते समय अस्पताल मालिक की करंट से मौत
अयोध्या नगर इलाके में तिरंगा झंडा लगा रहे प्लस वन केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर की करंट लगने से मौत हो गई। घटना सोमवार सुबह साढ़े 6 बजे उस दौरान हुई, जब अस्पताल मालिक 20 फीट लंबे लोहे के पाइप में तिरंगा झंडा लगाने अस्पताल की छत पर गए। छत में बारिश का पानी भरा होने की वजह से उनका पैर फिसल गया। वह असंतुलित होकर गिर गए और लोहे का पाइप पास से गुजरी 11केवी बिजली लाइन से टच हो गया। करंट का झटका लगने से उनकी मौत हो गई। अस्पताल संचालक पिता के इकलौते बेटे थे।
पुलिस के मुताबिक, न्यू शारदा नगर निवासी अंशिल राजन जान (33) ने बेंगलुरू की आईटी कंपनी से इंजीनियरिंग की जॉब छोड़कर मार्च 2022 में अयोध्या नगर में प्लस वन केयर नाम से अस्पताल खोला था। अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर वह पत्नी दिपाली शर्मा, चार साल के बेटे के साथ रहते थे। सोमवार सुबह साढ़े 6 बजे वह पत्नी दिपाली से छत में तिरंगा झंडा लगाने को कहकर कमरे से निकले। दिपाली नहाने चली गईं। इसके करीब पांच मिनट बाद छत से बिजली में शॉर्ट सर्किट होने की जोर से आवाज आई। दिपाली छत पर पहुंचीं तो पति बेसुध हालत में पड़े मिले। उन्होंने शोर मचाकर अस्पताल के स्टाफ को बुलाया। गंभीर हालत में परिजन उन्हें अयोध्या नगर इलाके के निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। डॉक्टर ने चेक करने पर मृत घोषित कर दिया।
कॉलम में पाइप बांधते हुए हादसा
पुलिस का कहना है कि अंशिल राजन छत में खड़े कॉलम में झंडे का पाइप बांध रहे थे। इसी दौरान पैर फिसलने की वजह से वह असंतुलित होकर गिर गए। इससे पाइप छत के पास से ही जा रही 11केवी बिजली लाइन से टकरा गया। वह पाइप नहीं छोड़ पाए। इससे उन्हें करंट का जोर से झटका लगा। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पिता की सेवा के लिए नौकरी छोड़ी
अंशिल के पिता डॉ. राजन जान शहर के चर्चित डॉक्टर हैं। वह मिनाल रेसीडेंसी में रहते हैं। राजन के जानने वाले राम प्रजापति ने बताया कि अंशिल बेंगलुरू की एक बड़ी आईटी कंपनी में इंजीनियर थे। इकलौते बेटे होने की वजह से अंशिल ने इसी साल फैसला लिया कि वह पिता के साथ रहकर उनके सेवा करेंगे। वह भोपाल आ गए। उन्होंने खुद के रोजगार के लिए न्यू शारदा नगर में अस्पताल खोला। अभी अस्पताल पूरी तरह से कंपलीट भी नहीं हुआ था। राम प्रजापति अंशिल के अस्पताल में पार्टनर भी हैं।