भोपाल में हॉस्टल में 8 साल की बच्ची से रेप
भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र में दूसरी कक्षा की 8 साल की बच्ची के साथ एक निजी बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। बच्ची को दाल-चावल में कुछ नशीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह बेसुध हो गई। होश आया तो एक व्यक्ति उसके साथ गलत काम कर रहा था, जबकि एक अन्य व्यक्ति पास में ही खड़ा था। घटना चार से पांच दिन पुरानी बताई जा रही है। बच्ची 15 दिन पहले ही हॉस्टल में आई थी।
मंगलवार रात पुलिस ने धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर की है। हॉस्टल वार्डन समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है। इधर, स्कूल संचालिका ने सभी आरोप बेबुनियाद बताए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। यह मिसरोद एसीपी रजनीश कश्यप की अध्यक्षता में काम करेगी। मिसरोद थाना प्रभारी मनीष राज सिंह भदौरिया और एसआई श्वेता शर्मा इसके सदस्य हैं।
वहीं, राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने भोपाल पुलिस को नोटिस जारी कर घटना पर 5 दिन में जवाब मांगा है।
शिकायत दर्ज न करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया
बच्ची की मां का आरोप है कि मिसरोद थाने के एसआई प्रकाश राजपूत ने हॉस्पिटल में शिकायत दर्ज न करने का दबाव बनाया था। एसआई श्वेता शर्मा का कहना है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मिसरोद पुलिस के मुताबिक बच्ची के पेरेंट्स ने 15 दिन पहले ही हॉस्टल में दाखिला कराया है। बच्ची के पिता बिजनेसमैन और मां गृहिणी हैं।
मां ने कहा- वीडियो कॉल पर बोली कि उसे ब्लीडिंग हुई
बच्ची की मां ने बताया कि पिछले रविवार को वह बच्ची को हॉस्टल से बाहर घुमाने लाई थीं। हर रविवार को ही परिजन बच्चों से मिल सकते हैं। इस रविवार को बच्ची से फोन पर बात की तो वह रोने लगी। वीडियो कॉल पर बोली, उसे ब्लीडिंग हुई है। जब मैंने कुछ पूछा तो वार्डन ने फोन कट कर दिया। मैं तुरंत सोमवार को इंदौर से स्कूल पहुंची। फिर बच्ची को लेकर जेपी अस्पताल गई, जहां चेकअप के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में सूजन और ब्लीडिंग हुई है।
बच्ची की मां का कहना है कि जांच के बाद जेपी अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी बच्ची के साथ गलत काम होने की बात कही है।
मां का बयान- बच्ची बोली, दाढ़ी वाले अंकल ने किया गलत काम
बच्ची की मां ने बताया कि मैं बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी। उसे बाहर लेकर आई। उसने कार में बताया कि चार-पांच दिन पहले शाम को उसने दाल-चावल खाए थे। बाद में हॉस्टल की वार्डन ने उसे दोबारा दाल-चावल खिलाए थे। उसे उस रूम में ले जाकर खिलाया गया, जो अभी रहने के लिए चालू भी नहीं हुआ है। रात में जब नींद खुली तो वह अपने कमरे और बिस्तर पर नहीं थी। एक मोटे से दाढ़ी वाले अंकल उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि मोदी सर, बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो-तीन बार बोला। इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। मेरे पेट में दर्द हो रहा था और प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। बच्ची फिर से बेहोश हो गई। बच्ची को सुबह होश आया तब वो अपने पलंग पर सो रही थी। उसने होश में आने के बाद वार्डन से कहा कि मेरे पेट में पेन हो रहा है। उन्होंने बच्ची को नहलाया-धुलाया।
बेटी ने मुझसे बात करने की जिद की तो उससे कहा स्कूल जाओ, वहां से आने के बाद बात करा देंगे। उन लोगों ने बच्ची को डराया-धमकाया कि किसी से कुछ कहोगी तो हम मम्मी से बात नहीं कराएंगे। उन्होंने कहा- संडे को बात कराएंगे। जब मैंने बेटी से बात करने के लिए फोन किया तो उन्होंने कहा कि बच्ची अभी सो रही है। बात नहीं करा सकते। जब मैंने दोबारा कॉल किया तो पीछे से आवाज आई कि 2 मिनट से ज्यादा बात मत करना और फोन कट गया। फिर मैंने वीडियो कॉल किया तो बच्ची रो पड़ी। फिर उन्होंने बच्ची से फोन छीनकर स्विच ऑफ कर दिया।
इसके बाद मैं टेंशन में आ गई कि कुछ तो बात है। जब मैं बच्ची से मिलने हॉस्टल गई तब बताया गया कि आपकी बच्ची हॉस्टल में अकेली है। बाकी सभी तीन-चार दिन पहले घर जा चुकी हैं। मेरी बच्ची बहुत डरी हुई थी। मैं उसे लेकर सीधे अस्पताल गई। बच्ची की मां का आरोप है कि स्कूल के ऑनर ने गलत काम किया है।
स्कूल संचालिका बोलीं- सभी आरोप बेबुनियाद, जांच कराएं
स्कूल संचालिका प्रियंका मोदी ने सभी आरोप बेबुनियाद बताए हैं। उनका कहना है कि हम 28 साल से स्कूल चला रहे हैं। आज तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई। जिस महिला ने आरोप लगाए हैं उसने बेटी का एडमिशन 19 तारीख को कराया था और 29 को उसे हंसी-खुशी यहां से लेकर गई। उसने टीचर्स से कहा कि इसे ऑनलाइन पढ़ाना। मुझे कुछ भी न्यूसेंस चीज नहीं लगी थी। उसी दिन रात को फोन आता है कि पुलिस इन्वेस्टिगेशन करना चाहती है, यहां आना चाहती है। उन्होंने यहां देखा, एक-एक डॉक्यूमेंट और कैमरे का डेटा देखा। हमने अपने बयान सहित एक-एक चीज पुलिस को उसी समय बता दी।
प्रियंका ने कहा, हम चाहते हैं कि अच्छे से जांच हो। हम ये भी चाहते हैं कि उस महिला की भी जांच हो कि वो अपनी बच्ची के साथ ऐसा क्यों कर रही है। अगर आरोप सच निकलते हैं तो हम खुद बच्ची के साथ हैं।
मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की पुष्टि
मिसरोद थाने के टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया ने कहा, ‘सोमवार की रात सूचना मिलने पर पुलिस जेपी अस्पताल पहुंची थी। तब महिला ने कार्रवाई की बात से इनकार कर दिया था। मंगलवार की शाम को फिर थाने आई। देर रात एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों की शिनाख्त के लिए पुलिस ने हॉस्टल के सीसीटीवी का डीवीआर जब्त किया है। बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है।’