भोपाल सांसद ने चेताया-‘एक भी पेड़ काटा तो खैर नहीं
भोपाल के तुलसीनगर और शिवाजी नगर में 29 हजार पेड़ काटकर मंत्री-विधायकों के बंगले बनाने की योजना थी। जिसे आमजनों के विरोध के बाद भले ही कैंसिल कर दिया गया हो, लेकिन सांसद आलोक शर्मा ने इसी मुद्दे पर अफसरों को चेताया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि पेड़ काटकर डेवलपमेंट नहीं होने देंगे। ऐसे प्रस्ताव पास नहीं करेंगे। एक पेड़ भी काटा तो खैर नहीं होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ कैंपेन के तहत भोपाल सांसद शर्मा भी अपनी मां विद्या शर्मा के साथ ईदगाह हिल्स स्थित कैंसर हॉस्पिटल ग्राउंड में पौधारोपण किया। भारतीय नागरिकता मिलने वाली छात्रा संजना मेलवानी ने भी अपने परिवार के साथ पौधे रोपे। इस दौरान सभी वर्ग के लोग मौजूद थे। सांसद ने ‘ग्रीन भोपाल क्लीन भोपाल’ का संकल्प भी दिलाया।
भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने शनिवार को मां विद्या शर्मा के साथ पौधारोपण किया।
अफसरों को सद्बुद्धि के लिए पौधा भेंट करुंगा
कार्यक्रम में सांसद शर्मा ने कहा कि बिना जनप्रतिनिधियों को भरोसे में लिए भोपाल में एक भी पेड़ काटा तो खैर नहीं होगी। अब भोपाल का बेटा आपके साथ है। बिना जनप्रतिनिधियों को कॉन्फिडेंस में लिए कोई कार्य योजना बनी तो ऐसे अफसरों की खैर नहीं। यह मेरी समझाइश भी है, चेतावनी भी है। जिन अफसरों ने 29 हजार पेड़ काटने का प्रस्ताव बनाया था, उन्हें सद्बुद्धि देने के लिए में उन्हे पौधा भेंट करुंगा। ताकि, भविष्य में ऐसी नुकसानदायक योजना न बनाए। जिससे सरकार की छवि खराब हो।
पेड़ों को काटे जाने के प्रस्ताव के विरोध में तुलसी नगर और शिवाजी नगर में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद सरकार ने योजना कैंसिल कर दी थी।
पेड़ काटने का यह था मामला
भोपाल के तुलसी नगर और शिवाजी नगर में हजारों पेड़ काटे जाने का मामला इस महीने सुर्खियों में रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी मैदान में उतर गई थी। वहीं, आम लोगों ने पेड़ों से चिपककर आंदोलन किया था। इस जगह पर मंत्री-विधायकों और अफसरों के बंगले बनाने की योजना सरकार की है।
विरोध प्रदर्शन के बाद 12 जून को नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस योजना को कैंसिल कर दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी थी। लिखा था कि नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में मौजूदा वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। साथ ही अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने भी प्रस्ताव को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए थे।