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भोपाल में बुजुर्ग दंपती पर चाकू-रॉड से हमला

हबीबगंज थाना इलाके में स्थित ईश्वर नगर में रहने वाले बुजुर्ग दंपती पर रिश्तेदारों ने चाकू, रॉड और डंडे से हमला कर दिया। बुजुर्ग दंपती का बचाव करने आए आरोपियों ने बेटे और बेटी को भी पीटा। घटना के बाद शिकायत दर्ज कराने पहुंचे परिवार को पुलिस ने घंटो थाने में बैठाए रखा। बाद में एफआईआर बेहद साधारण धाराओं में दर्ज की गई। फरियादी पक्ष ने हबीबगंज थाना पुलिस की शिकायत पुलिस कमिश्नर कार्यालय में की है।

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विपिन सिंह राजपूत (25) ईश्वर नगर में रहते हैं और किराने की दुकान का संचालन करते हैं। उन्होंने बताया कि 7 जुलाई की रात को दुकान बंद करने के बाद घर के बाहर दोस्त राजू साहू के साथ खड़े थे। तभी पड़ोस में रहने वाला चाचा का बेटा रोहित राजपूत आया। उसके परिवार की और हमारी पुरानी रंजिश थी। रोहित ने इसी रंजिश के चलते मुझे गालियां देना शुरू कर दिया। यह सुनकर पिता दिलीप सिंह राजपूत आए। उन्होंने रोहित को समझाइश देने का प्रयास किया। इस पर आरोपी नेपिता के साथ बद सलूकी की।

विरोध करने पर वह अपने घर में गया, पिता भगवान सिंह राजपूत, मां संगीता बाई, भाई रितिक,रिऋभ के साथ चाकू रॉड और डंडे से लैस होकर आया। इसके बाद पिता के साथ मारपीट शुरू कर दी। मैं बचाव करने गया, मुझे भी आरोपियों ने पीटा, यह देख मां अनीता राजपूत और बहन ज्योति बचाव करने आई। तब रोहित ने मां के कंधे पर चाकू मार दिया। पिता के सिर में रॉड मारी गई। मुझे और बहन को डंडो से बेरहमी से पीटा गया। हमले में सभी को गंभीर चोट आई है।

थाने में नहीं की सुनवाई

विपिन ने बताया कि घटना के बाद थाने पहुंचे। वहां पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, एक घंटे से अधिक समय तक थाने में बैठाए रखा। बाद में बेहद साधारण धाराओं में एफआईआर दर्ज की। हमले में घायल मां और पिता जेपी अस्पताल में भर्ती थे। आरोपी 8 जुलाई को वहां उन्हें धमकाने पहुंचे। इस बात की शिकायत भी थाने में की लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। 10 जुलाई को मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर के कार्यालय में की। शिकायती आवेदन में पुलिस की लापरवाही की पूरी कहानी लिखी। पुलिस कमिश्नर कार्यालय से थाने फोन गया। इसके बाद आरोपियों को हिरासत में लिया गया।

तत्काल कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ्तार किया

टीआई अजय कुमार सोनी ने बताया कि मामले में तत्काल कार्रवाई की थी। आरोपियों को तलाश कर उन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर में धाराएं लगाई थीं। पुलिस पर लगे आरोप निराधार हैं।

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