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भोपाल में योम-ए-आशुरा पर मातमी जुलूस

भोपाल में बुधवार को मोहर्रम पर परम्परागत जुलूस निकाला जा रहा है। इस दौरान सैकड़ों ​ताज़िये, बुर्राक़, सवारियां, इस्लामी परचम के निशानों के साथ यह जुलूस शहर के कई इलाकों से होता हुआ वीआईपी रोड स्थित करबला पहुंचेगा। हर वर्ष की भांति इस बार भी पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (स.अ.व) साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन साहब की शहादत की यादगार मोहर्रम योम-ए-आशुरा पर जुलूस निकाला जा रहा है, जिसमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं।

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पहला मातमी जुलूस फतेहगढ़ से शुरू होकर मोती मस्जिद चौराहे होते हुए करबला पहुंचेगा। इसके अलावा चार अन्य बड़े जुलूस अलग-अलग इलाकों से होते हुए पीर गेट इलाके में पहुंचेंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी की तरफ से निकाले जाने वाले इस जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। आमजन की सुविधा हेतु ट्रेफिक डायवर्ट किया गया है। कई इलाको में भारी वाहन के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।

क्यों मनाते हैं मातम

मोहर्रम का महीना मुस्लिम समाज के लिए बहुत अहम होता है। वैसे तो यह महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना होता, इस महीने से इस्लाम का नया साल शुरू होगा। करीब 1400 वर्ष पहले इसी दिन इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन को कत्ल किया गया था। इसी घटना की याद में मुस्लिम समाज का एक बहुत बड़ा तबका हर साल मोहर्रम महीने की दस तारीख को गम के साथ मनाता है। इस दिन ताजिए निकालना, मातम मनाना और कर्बला पर इकट्ठा होकर याद ए हुसैन में आंसू बहाए जाते हैं।

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