उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस मुठभेड़ में गुना के तीन पारदी घायल हो गए हैं। शॉर्ट एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस ने 9 पारदी बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गोली लगने से घायल होने वालों में दो पारदी इसी साल मई में गुना के धरनावदा में हुए मोहन हत्याकांड के आरोपी हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से तमंचे, कारतूस और डकैती में इस्तेमाल किए जाने वाले औजार बरामद किए हैं।
यूपी पुलिस के साथ पारदी गैंग की मुठभेड़ की कहानी काफी रोचक है…
दरअसल, 27 जुलाई को मथुरा पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि मध्यप्रदेश के कुछ लोग कोसी थानाक्षेत्र की नई कामर रोड पर बैठे हैं। आपस में ये लोग ‘अंधेरी खेलने’ की बात कर रहे हैं। मुखबिर ने इन लोगों को यह भी कहते सुना कि यहां के घरों के अलावा फैक्ट्रियों में भी ‘अंधेरी खेल’ सकते हैं। आसपास के लोगों ने पूछा तो इन लोगों ने बताया कि हमलोग वृंदावन दर्शन करने मध्यप्रदेश के गुना से आए हैं।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस यह तो समझ गई कि मथुरा में रोजाना हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन जिस इलाके में ये लोग डेरा जमाए हैं, वहां कई फैक्ट्रियां हैं और रहवासी इलाका है। ऐसे में ‘अंधेरी खेलने’ का क्या मतलब हो सकता है? इसी रहस्य को सुलझाने के लिए पुलिस टीम मुखबिर की बताई लोकेशन पर पहुंची, तो पारदी बदमाशों के साथ मुठभेड़ हो गई।
पुलिस को देखते ही पारदियों ने फायर कर दिया। फिर यूपी पुलिस ने भी शॉर्ट एनकाउंटर में तीन पारदी बदमाशों को घायल कर दिया। इनमें राजवीर, राजा बाबू और राम भवन पारदी शामिल हैं। पुलिस को हावी होता देख सभी ने सरेंडर कर दिया।

मुठभेड़ में यूपी पुलिस ने तीन घायल सहित 9 पारदी बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
यूपी पुलिस को बताया ‘अंधेरी खेलने’ का मतलब
गिरफ्तार हुए पारदी बदमाशों से पुलिस ने सबसे पहले यही पूछा कि अंधेरी खेलने का क्या मतलब है? जब पारदियों ने पूरी बात बताई, तो यूपी पुलिस के होश उड़ गए। पारदियों ने बताया कि हम लोग अधिकतर कृष्ण पक्ष में डकैती डालने जाते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कृष्ण पक्ष में चांद नहीं दिखता और अंधेरा रहता है। यह समय डकैती के लिए सबसे बेहतर होता है। डकैती डालने को ही हम लोग ‘अंधेरी खेलने’ कहते हैं।
सभी आरोपियों को यूपी पुलिस ने जेल भेज दिया है। अब गुना पुलिस भी मोहन पारदी हत्याकांड में शामिल दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गई है।
मथुरा में ये 9 पारदी बदमाश हुए गिरफ्तार
- राजवीर (35) पुत्र हेमराज, निवासी कनैरा, थाना धरनावदा (गुना)
- राजाबाबू उर्फ राजा (30) पुत्र बगदी, निवासी बीलाखेडी (गुना)
- रामभवन (26) पुत्र सेतूराम, निवासी बीलाखेडी (गुना)
- राजेश (55) पुत्र राजकुमार, निवासी बीलाखेडी (गुना)
- राधेश्याम (55) पुत्र नाहर सिंह, निवासी करमाखेडी रूठियाई (गुना)
- रंजीत (22) पुत्र राधेश्याम, निवासी रूठियाई (गुना)
- श्याम (55) पुत्र नाहर सिंह, निवासी रूठियाई (गुना)
- धनराज (19) पुत्र बब्लू, निवासी रूठियाई (गुना)
- वीरपाल (19) पुत्र श्याम, निवासी रूठियाई (गुना)
मोहन पारदी हत्याकांड में राजा और रामभवन थे फरार
मथुरा पुलिस की इस कार्रवाई में घायल हुए राजा पारदी और रामभवन, मोहन पारदी हत्याकांड में फरार चल रहे थे। इन पर अपने साथियों के साथ मिलकर मुखबिरी के शक में मोहन पारदी की हत्या का आरोप है। गुना पुलिस इन दोनों आरोपियों का प्रोटेक्शन वॉरंट लेने की तैयारी कर रही है। एसडीओपी दीपा डुडवे ने बताया कि वहां की पुलिस अपनी कार्रवाई कर ले, इसके बाद आरोपियों का प्रोटेक्शन वॉरंट लिया जाएगा।