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भोपाल में अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज, 4 पर FIR

भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर बुधवार रात पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे पहले अंबेडकर मैदान की लाइट्स बंद कर दी गईं। अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि लाठीचार्ज करने वालों की पहचान न हो सके इस कारण अंधेरे में पीटा गया।

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लाठीचार्ज के वीडियोज बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात सोशल मीडिया पर सामने आए। इसमें अंधेरे में शिक्षकों की चीख पुकार सुनाई दे रही है। लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी लौट गए। टीटी नगर थाना पुलिस ने अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार और संगठन से जुड़े बीएम खान, मुकेश जोशी, संतोष व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

दरअसल, गांधी जयंती पर प्रदेशभर के अतिथि शिक्षक ​​​नियमितीकरण की मांग को लेकर भोपाल के सेकंड स्टॉप स्थित अंबेडकर मैदान में इकट्ठा हुए थे। अतिथि शिक्षक नारे लगा रहे थे, ‘कब्जा करने आए हैं कब्जा करके जाएंगे।’ इस नारे को स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के बयान का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था- आप हमारे मेहमान बनकर आओगे, तो घर पर कब्जा करोगे क्या?

पुलिस और अतिथि ​​​​​शिक्षकों में हुई थी झड़प अतिथि ​​​​​शिक्षक जब सीएम हाउस का घेराव करने आगे बढ़ रहे थे, तब उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए। पुलिस से उनकी झड़प और धक्कामुक्की भी हुई। प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा। बुधवार रात 8 बजे पुलिस ने अतिथि शिक्षकों पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया।

एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें लिखा था, ‘बलवाइयों आपका मजमा गैरकानूनी करार दिया गया है। तितर बितर हो जाइए…कारगर गोली चलाई जाएगी।’ बैनर का विरोध होने पर इसे हटा दिया गया।

गलियों में भागे अति​थि शिक्षक अतिथि शिक्षकों ने बताया, हम सुंदर कांड का पाठ कर रहे थे। तभी पुलिस ने मैदान की लाइट्स बंद कर दीं। इसके कुछ देर बाद लाठियां चलाना शुरू कर दिया। हम अलग-अलग रास्तों से भागे। पीछे-पीछे पुलिस भी दौड़ी। अचानक लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई थी।

पुलिस ने बर्बरता की हद पार की अतिथि शिक्षक रविकांत गुप्ता ने बताया, रात करीब 8.30 बजे पुलिस हमसे बात करने आई। पुलिस ने कहा कि आपके डेलिगेशन को संबंधित विभाग के जिम्मेदारों से मिलाना है। हमने कहा- जिसे बात करना है यहीं आए। इस पुलिसकर्मी गाली देने लगे। विरोध करने पर बेरहमी से पीटा।

एक अतिथि शिक्षक को पुलिस ने पीट-पीटकर दो डंडे तोड़ दिए। लीठीचार्ज से बचने के लिए जो प्रदर्शनकारी बसों के पीछे छिपे थे, उन्हें खदेड़कर पीटा गया। बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। चारों ओर चीख पुकार मची थी। महिलाओं तक को पीटा गया।

एसीपी ने कहा- बिना परमिशन के प्रदर्शन किया एसीपी चंद्रशेखर पांडे ने बताया, टीटी नगर थाने में चार नामजद समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रदर्शन बिना अनुमति किया जा रहा था। वहीं, गोली चलाने वाले बैनर के संबंध में उन्होंने बताया कि गोली मारने का आशय यह नहीं था कि गोली चला ही देंगे। बाद में उस बैनर को हटा दिया था। इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।

अतिथि शिक्षक बोले- पुलिस ने बेरहमी से पीटा सीधी जिले से आए अतिथि शिक्षक रविकांत गुप्ता ने बताया, ‘रात करीब 8:30 बजे पुलिस बात करने आई। कहा कि आपके डेलिगेशन को संबंधित विभाग के जिम्मेदारों से मिलाना है। हमने कहा, जिसे बात करनी है यहीं आएं। रविकांत ने कहा…

पुलिस ने गाली-गलौज शुरू कर दी। विरोध करने पर बेरहमी से पीटा। एक व्यक्ति पर पुलिस ने पीट-पीटकर दो डंडे तोड़ दिए। हम बसों के पीछे छिपे, तो खदेड़कर पीटा गया। पीटने से पहले पार्क की लाइट बंद कर दी गई। चारों ओर चीख पुकार का महौल था। महिलाओं तक को पीटा गया।

मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट किए रविकांत गुप्ता ने बताया कि पुलिस ने उन लोगों को अधिक पीटा, जिनके मोबाइल में पुलिस की बर्बरता की वीडियो थे। मोबाइल तक छीन लिए गए। फोन से जबरन वीडियो डिलीट किए गए। इसके बाद पुलिस ने सभी को अलग-अलग जगह छोड़ दिया। लोग रात भर भटकते रहे। अलग-अलग लॉज धर्मशाला और होटलों में शरण ली।

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