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डामर क्वॉलिटी वाला नहीं, इसलिए सड़कें खराब होती हैं

भोपाल में जर्जर सड़कों के मुद्दे पर नगर निगम बड़ा फैसला ले सकता है। सड़कों को सुधारने या नई बनाने के लिए यदि कोई कांट्रैक्टर प्राइवेट कंपनी से डामर खरीदता है तो उसका बिल पास नहीं होगा। उन्हें इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन से ही डामर खरीदना पड़ेगा। इस पर जल्द मुहर लग सकती है।

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निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया, हर बारिश के दौरान डामर की सड़कें अक्सर खराब हो जाती हैं, क्योंकि डामर अच्छी क्वॉलिटी का नहीं होता है। अच्छी गुणवत्ता का जब डामर इस्तेमाल किया जाएगा तो सड़कें भी अच्छी बनेगी और जनता के पैसे का सही सदुपयोग हो सकेगा।

लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा, डामर की सड़कें गुणवत्ता युक्त हो, इसलिए कुछ शर्तों में हम बदलाव करने के लिए विचार कर रहे हैं। कांट्रैक्टर अब भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के बिल सबमिट करेगा तो ही बिल का भुगतान होगा। इस फैसला इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि अच्छी गुणवत्ता का डामर उपयोग करने से सड़कें भी अच्छी बनेगी। लोगों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

भोपाल में निगम की 4 हजार किमी सड़कें भोपाल में नगर निगम की कुल 4 हजार किमी सड़कें हैं। इनमें से 3 हजार किमी से ज्यादा सड़कें डामर की है। होशंगाबाद रोड, एमपी नगर समेत कई बड़े इलाकों में ये सड़कें हैं। बारिश में सड़कें खराब हो जाती है। इस कारण लगातार चार महीने तक लाखों लोगों को परेशान होना पड़ता है। बारिश थमने के बाद इन सड़कों की मरम्मत निगम करवाएगा। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने बताया, जो सड़कें गारंटी पीरियड की है, उन्हें ठेकेदार से ठीक करवाएंगे। बाकी सड़कों की रिपेयरिंग भी शुरू करवा दी गई है।

निगम की 4 हजार किमी से ज्यादा सड़कें चीफ इंजीनियर मस्के ने बताया कि नगर निगम की सड़कों की तुलना में पीडब्ल्यूडी की सड़कें काफी कम है। निगम की 4 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबाई की सड़कें हैं।

पीडब्ल्यूडी भी सड़कें सुधरवा रहा पीडब्ल्यूडी की कुल 268 सड़कें 573 किलोमीटर है। इनमें से अभी 400Km सड़कें परफॉर्मेंस गारंटी में है। बारिश थमने के दौरान विभाग ने सड़कों की मरम्मत शुरू करवा दी थी। अभी भी मरम्मत जारी है।

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