राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा कर्मचारी 15 वर्षों से कर रहे हैं बीमा की मांग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा कर्मचारी विगत 15 वर्ष से स्वास्थ्य बीमा की मांग करते चले आ रहे हैं जिसमें संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन हमेशा बीमा की मांग को प्राथमिकता देता चला रहा है केंद्र से लगभग 15 करोड रुपए 2 साल पहले मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को दिए भी गए परंतु अधिकारियों की लापरवाही के कारण कर्मचारियों को आजतक बीमा का लाभ नहीं मिल पाया पूर्व मैं भी कई कमेटी बनी पर उन कमेटियों का कोई लाभ आज तक कर्मचारियों को नहीं मिला संगठन के द्वारा निरंतर अधिकारियों से संपर्क कर बारंबार इसका निराकरण करने का निवेदन किया पर अधिकारियों के द्वारा जल्द वाजी में एक और नई कमेटी बनाकर जिसमें ऐसे नए कर्मचारियों को कमेटी के अंतर्गत रखा जिनकी कोई बीमा के बारे में तैयारी नहीं थी ना कभी पूर्व में जिनका अधिकारियों से चर्चा करने का कोई अनुभव रहा न सिर्फ एक दिन का 21/10/2024 को आदेश विभाग के द्वारा निकाल कर 22/10/2024 को बैठक बुला ली गई कर्मचारियों का कमेटी में सलेक्शन का कोई बेस नही रहा ना कमेटी के लोगो को तयारी का समय दिया गया जिससे उनकी कोई तैयारी नहीं हो पाई इससे ऐसा प्रतीत होता है अधिकारियों के द्वारा बैंक पहले से ही सेलेक्ट कर ली गई है कहीं ना कहीं ऐसी कर्मचारियों को कमेटी में बुलाया गया जो कर्मचारी का पक्ष मजबूती से नहीं रख पाए ताकि अपनी मनमानी बैंक को एनएचएम के कर्मचारियों का भविष्य सोप दिया जा सके। इसमें कहीं ना कहीं बैंकों से सेटिंग जैसा मामला समझ में आता है अपने चहते कर्मचारियों को अचानक कमेटी में रख लेना । जिसके वारे में संगठनों से कोई चर्चा नहीं करना इस तरह की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आती है संग की मांग वरिष्ठ अधिकारियों से हे कि 32000 कर्मचारियों का भविष्य का सवाल है जिसमें संगठन के पधाधिकारियो से बात की जाए संगठन को बताया जाए कि कर्मचारियों को किस तरह का बीमा दिया जा रहा है इस विषय पर चर्चा करना चाहिए आज जो कर्मचारियों को बुलाया गया वह स्वयं चर्चा से संतुष्ट नहीं है संघ के द्वारा मिशन संचालक को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएगा।