कार्तिकेय बोले-भाजपा का चोला पहन असंतोष फैला रहे कांग्रेसी:बुधनी में पार्टी को बताया एकजुट; पूर्व विधायक राजपूत ने कहा-सब पहले से कन्फर्म था
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट पर बीजेपी अंतर्विरोध से जूझ रही है। 2005 में शिवराज सिंह चौहान के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत 2024 के उपचुनाव में यहां रमाकांत भार्गव को टिकट देने से नाराज हैं।
राजपूत ने दो दिन पहले समर्थकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में कार्यकर्ताओं ने रमाकांत को टिकट देने पर खुलकर नाराजगी जाहिर की। राजपूत समर्थकों की बैठक और नाराजगी को लेकर शिवराज के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान का बयान सामने आया है।
कार्तिकेय ने राजपूत समर्थकों की बैठक पर कहा, ‘मैं यहां पर सबसे मिलने आया। पूछा- काहे की नाराजगी है। वे बोले- भैया ये तो आजू-बाजू वाले बात कर रहे थे। आजू-बाजू वाले कौन हैं तो कुछ असामाजिक तत्व कांग्रेस के बैठा दिए, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी का चोला पहन लिया।’
कांग्रेस के लोग भाजपा का चोला पहनकर असंतुष्टि फैला रहे कार्तिकेय ने कहा- कांग्रेस के लोग भाजपा का चोला पहनकर असंतुष्टि फैला रहे हैं। आज मैंने चार मंडलों की बैठकें लीं। कहीं किसी भी रूप से कोई असंतुष्ट नहीं है। कांग्रेस के लोगों में असंतुष्टि है क्योंकि कई साल से इस क्षेत्र में वो लोग जीत नहीं पाए हैं और वो असंतुष्ट ही रहेंगे, ये हम सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री के बेटे कार्तिकेय ने कहा-
कोई नाराजगी नहीं है। हम सब परिवार के सदस्य हैं। सहमति बन चुकी है। ऐतिहासिक जीत होगी। यहीं के कार्यकर्ता रिकॉर्ड बनाते आए हैं। हम संगठन के लोग हैं, संगठन की बारीकियों से काम करते हैं। कोशिश करेंगे कि हर पोलिंग बूथ पर भारतीय जनता पार्टी अच्छे वोटों से जीते।
राजपूत बोले-मुझे कांग्रेस ने टिकट ऑफर किया था दैनिक भास्कर से चर्चा में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने कहा- मैं पद लोलुप नहीं हूं। अगर पद लोलुप होता तो मुझे कांग्रेस ने भी टिकट के लिए मनाया था। राजकुमार के पहले मुझे टिकट देने का ऑफर मिला था। ये बात तो पहले उनको पता थी। पता नहीं, इनकी कब से शुरुआत हो गई थी? रथ वगैरह तो सबने देख ही लिए थे। वो तो सब मालूम था कि ऐसा होना है।
घोषणा से पहले ही भार्गव के रथ बन गए थे
राजपूत ने कहा- संगठन कितनी भी दुहाई दे कि पहले से कन्फर्म नहीं था। सब पहले से कन्फर्म था। इसकी पुष्टि भी कई जगह से हो चुकी थी। बची कसर घोषणा के पहले रथों द्वारा हो गई।जैसे ही लगा कि ऐसा है तो कांग्रेस वालों ने मुझसे बहुत आग्रह किया कि आप चुनाव लड़ लो। मैंने साफ मना कर दिया कि नहीं भैया, मैं लडूंगा तो बीजेपी से ही चुनाव लडूंगा। कांग्रेस से बिल्कुल नहीं लडूंगा। साफ मना कर दिया कि मुझे पद लोलुपता नहीं हैं। न मुझे टिकट की लोलुपता है। जब मैंने कांग्रेस को मना कर दिया तो राजकुमार का टिकट घोषित हो गया।
सपा और बसपा ने भी टिकट के ऑफर दिए पूर्व विधायक राजपूत ने कहा- राजकुमार का टिकट घोषित होने के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का फोन आ गया कि आप समाजवादी से लड़ लो। हम अर्जुन आर्य को पीछे कर लेते हैं। अर्जुन आपके साथ काम करेंगे।
मैंने कहा- नहीं भैया, मैं पार्टी से जुड़ा आदमी हूं। मेरे पिता ने पार्टी के लिए जान कुर्बान कर दी। सीहोर में भाषण देते-देते अपने प्राण छोड़ दिए। मैं उनको कलंकित नहीं करूंगा। पार्टी टिकट देगी तो लडूंगा, पार्टी नहीं देगी तो मुझे टिकट की भूख नहीं है।
इसके बाद मुझे बहुजन समाज पार्टी से भी फोन आया। उनसे भी यही कहा कि पार्टी टिकट देगी तो लडूंगा। दूसरी पार्टी से चुनाव नहीं लडूंगा। शिवराज जी या पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से मेरी कोई बात नहीं हुई है। इतनी देर हो गई है कि अब क्या बात करें।
राजेंद्र को ढाई साल का समय दिया जाए बुधनी विधानसभा के भैरूंदा में पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत द्वारा मंगलवार को बुलाई बैठक में एक समर्थक ने कहा- 2003 में राजेंद्र सिंह जी ने छोटी सी लाइन खींची थी। विधानसभा क्षेत्र, जिले और प्रदेश के विकास के लिए भाईसाहब ने अपनी सीट शिवराज जी को दे दी थी। आज 20 साल बाद वह समय आ गया है कि जो ढाई साल का समय है, हमारे राजेंद्र सिंह को दिया जाना चाहिए।