पीआरओ पूजा थापक के ससुर बोले-पहले से शादीशुदा थी
भोपाल में जनसंपर्क विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर और ग्रामीण विकास विभाग की पीआरओ पूजा थापक सुसाइड केस में नया एंगल आ गया है। ससुर ने पूजा के पहले से शादीशुदा होने और इस बात को छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे से शादी के पहले और बाद में भी इस बारे में नहीं बताया गया।
बेटे को पूजा की पहली शादी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मिल गए थे। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद होता था। पूजा ने आत्मग्लानि में सुसाइड किया है। मेरे बेटे और पत्नी को इस मामले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। यह सब पूजा के जीजा और टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश शर्मा के दबाव में किया गया है।
बता दें कि पूजा थापक ने 9 जुलाई को घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। उनके पिता ने बच्चे की कस्टडी मांगी थी। कोर्ट ने तीन दिन पहले बच्चे की कस्टडी नाना-नानी को देने के आदेश कर दिए थे। इसके बाद भी दादा-दादी बच्चे को नहीं सौंप रहे थे। नाना ने एसडीएम को आवेदन दिया। एसडीएम आदित्य जैन ने शनिवार (16 नवंबर) को गोविंदपुरा पुलिस की मदद से बच्चे को कस्टडी में लेकर उसे नाना-नानी के सुपुर्द कर दिया है।
पूजा से विवाद पर बेटे-पत्नी को रोकते नहीं थे ससुर सुसाइड के बाद पूजा के पिता जीएन थापक ने पूजा के ससुर की भूमिका को संदिग्ध बताया था। उन्होंने कहा था कि पूजा से विवाद करने पर वह अपने बेटे निखिल और पत्नी आशा को नहीं रोकते थे। बेटी के सुसाइड के बाद से ही ससुर भी अंडरग्राउंड हो गए थे।
पूजा का बेटा इस दौरान उन्हीं के साथ रहा था। जबकि जन्म के बाद एक साल तक बच्चा हमारे पास रहा था। बेटी का ट्रांसफर इंदौर हुआ, तब उसे साथ ले गई। भोपाल आई तो बच्चे को ससुराल ले आई। हमें नहीं पता था कि बेटी के साथ इतना अत्याचार हो रहा है। उसकी मौत के बाद उसकीआखिरी निशानी बच्चा ही है। हम उसे जान से ज्यादा चाहते हैं। मेरे बेटे प्रखर से बच्चे का बेहद लगाव है।
जानिए इस केस में कब क्या हुआ?
9 जुलाई को पति से विवाद के बाद पूजा ने फांसी लगाकर ससुराल में सुसाइड किया।
गोविंदपुरा पुलिस ने जांच के बाद 16 जुलाई को दहेज मृत्यु, सुसाइड के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने की धाराओं में केस दर्ज किया था।
5 अगस्त को गोविंद-पुरा पुलिस ने आरोपी पति निखिल को दिल्ली से गिरफ्तार किया।
10 अगस्त को पूजा के पिता ने बच्चे की कस्टडी के लिए जुवेनाइल कोर्ट में केस फाइल किया।
16 नवंबर की सुबह साढ़े सात बजे एसडीएम ने बच्चे की कस्टडी नाना-नानी को दिलाई।
दो साल पहले हुई थी निखिल-पूजा की शादी
ग्वालियर निवासी पूजा थापक की शादी साल 2022 में भोपाल के साकेत नगर में रहने वाले निखिल दुबे से हुई थी। निखिल अरेरा हिल्स स्थित सूचना-प्रौद्योगिकी विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर है। दोनों का एक साल का बेटा है।
पूजा ने मां से कहा था- अब बर्दाश्त नहीं होता 9 जुलाई को फांसी लगाने से पहले पूजा ने अपनी मां को कॉल कर कहा था, ‘मां, फिर से लड़ाई-झगड़े होने लगे हैं। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होता। मैं मर रही हूं।’ फोन कट होते ही पूजा की मां घबरा गईं। उन्होंने दामाद निखिल दुबे को घटना की जानकारी दी। निखिल बेडरूम पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। जब तक गेट को तोड़ा गया पूजा की मौत हो चुकी थी। उसका शव फंदे पर लटका हुआ मिला था।
प्लाट की मांग करता था पति निखिल दुबे पूजा के मायके वालों ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि शादी में 40-45 लाख रुपए खर्च किए थे। बेटी के पति और सास की मांग पर इंदौर में एक फ्लैट भी दिलाया था। उन्होंने नकद साढ़े सात लाख रुपए भी ले लिए थे। इसके बाद भी भोपाल में एक बड़ा और महंगा प्लॉट दिलाने की मांग कर रहे थे। विवाद बढ़ने पर एक बार पति-पत्नी की काउंसिलिंग भी कराई जा चुकी थी। इसके बाद पूजा निखिल के साथ रहने को राजी हो गई थी।
ससुर बोले- मेरे बेटे और पत्नी को फंसाया गया पूजा के ससुर एमएल दुबे ने बताया कि सुबह 7:30 बजे चार गाड़ियों में पुलिस आई थी। दरवाजा पीटते हुए तत्काल गेट खोलने की बात कही। पुलिस ने बताया था कि हमारे पास सर्च वारंट है। गेट खोलते ही बच्चे को पुलिस ने कस्टडी में लिया और साथ ले गए। मैं साथ में गोविंदपुरा थाने गया। वहां मुझे बैठाकर रखा गया। बाद में बच्चे की कस्टडी उसके नाना-नानी को सौंप दी।
बच्चे का आज जन्मदिन है। इसी दिन बच्चे को हमसे छीन लिया गया। पूजा के जीजा कलेक्टर हैं। उनके कहने पर एकतरफा कार्रवाई की गई है। साजिश के तहत मेरे बेटे और पत्नी को पूजा के सुसाइड का जिम्मेदार बताकर फंसाया गया है। जबकि पूजा और निखिल दोनों अच्छे से रहते थे।
मेरे बेटे को इस बात के प्रमाण मिल चुके थे कि पूजा पहले से शादीशुदा थी। इस बात की जानकारी हमें शादी से पहले और बाद में नहीं दी गई। बेटे के हाथ शादी के दस्तावेज लग गए थे। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद होने लगा था।
एसीपी दीपक नायक ने कहा
जुवेनाइल कोर्ट ने तीन दिन पहले बच्चे की कस्टडी नाना-नानी को सौंपने के आदेश दिए थे। दादा-दादी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे थे। बच्चे की कस्टडी दिलाने एसडीएम के साथ पुलिस बच्चे के दादा एमएल दुबे के साकेत नगर स्थित घर पहुंची थी। वहां से बच्चे को कस्टडी में लिया और एसडीएम के सुपुर्द किया गया।