बजट में नवाचार करने जा रही मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार, इस बार बच्चों के लिए अलग प्रविधान
राज्य के बजट में इस बार बच्चों के लिए विभिन्न विभागों में होने वाले प्रविधानों को अलग से किया जाएगा प्रस्तुत
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों व अधिकारियों के साथ की महत्वपूर्ण बैठक में दिए निर्देश
मंत्रियों ने भवन निर्माण की गुणवत्ता और विलंब होने पर जताई आपत्ति
भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मार्च में प्रस्तुत होने वाले प्रदेश के बजट में इस बार शिवराज सरकार का दिल बच्चों के लिए अलग से धड़केगा। दरअसल, सरकार इस बार नवाचार करते हुए बजट में बच्चों के लिए अलग से प्रविधान करने जा रही है। सरकार तैयारी कर रही है कि इस बार बच्चों के लिए विभिन्न विभागों में किए जाने वाले प्रविधानों को अलग से प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मंत्रालय में आयोजित बैठक में इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है कि क्योंकि सरकार बच्चों के विकास के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इन्हें अब प्रमुखता से उभारा जाएगा।
बैठक में मंत्रियों ने लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई द्वारा कराए जाने वाले भवन निर्माण में होने वाले विलंब और गुणवत्ता पर आपत्ति भी दर्ज कराई। केंद्रीय बजट आने के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंत्रालय में सभी मंत्रियों, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों के साथ करीब छह घंटे बैठक की। इसमें विभागवार बैठक में जो दिशा-निर्देश दिए गए थे, उनके पालन की जानकारी ली गई।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि 30 दिन काम करें और एक दिन समीक्षा के लिए रखें। जो भी दिशा-निर्देश दिए जाते हैं, उनका पूरी तरह पालन समयसीमा में होना चाहिए। महिला एवं बाल विकास विभाग की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान बच्चों के सर्वांगीण विकास और चाइल्ड बजट पर था। बैठक में मंत्रियों ने लोक निर्माण विभाग की परियोजना क्रियान्वयन इकाई के कामों को लेकर आपत्ति उठाई।
मंत्रियों ने कहा कि पीआइयू (प्रोजेक्ट इंम्प्लिमेंटेशन यूनिट) समय पर काम पूरे नहीं करती और गुणवत्ता को लेकर भी शिकायतें हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागों के साथ बैठक करके समन्वय बनाएं। गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। दोषी ठेकेदारों के प्रति किसी तरह की सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। ठेकेदारों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बनाएं। सड़कों के रखरखाव में किसी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए।
बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान
मुख्यमंत्री का फोकस बच्चों के सर्वांगीण विकास पर है।
पूरक पोषण आहार हो या फिर छात्रवृत्ति, बच्चों के लिए सरकार कई प्रविधान करती है। इन्हें चाइल्ड बजट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
कुपोषण बड़ी समस्या है और प्रदेश को इससे मुक्त करने के लिए पूरक पोषण आहार देने के साथ विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये अतिरिक्त तौर पर दिए जा रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका के निर्माण के साथ अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। -बच्चियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए शौर्या दल का गठन किया है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार बाल अपराध के मामले मध्य प्रदेश में सर्वाधिक हैं। सरकार का प्रयास है कि चाइल्ड बजट के माध्यम से बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
लाड़ली लक्ष्मी योजना का दूसरा चरण भी जल्द लागू होगा। इसकी घोषणा भी बजट में की जा सकती है।
केंद्रीय बजट का लाभ उठाएं
मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्रीय बजट का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाए। आवास, अधोसंरचना, कुटीर, लघु एवं मध्यम उद्यम, औद्योगिक विकास, सड़क निर्माण, जल जीवन मिशन सहित अन्य क्षेत्रों में जो प्रविधान किए गए हैं, उनका अध्ययन करके प्रस्ताव तैयार करें। राज्य के बजट के लिए जो प्राथमिकताएं तय की गई हैं, उनके अनुरूप प्रस्ताव को अंतिम रूप दें। प्रदेशवासियों ने तीन हजार से ज्यादा सुझाव दिए हैं। उनका भी अध्ययन किया जाए।