भोपाल की सेंट्रल जेल परिसर में स्थित जेल कॉलोनी में मंगलवार दोपहर जेल प्रहरी के भतीजे ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
बुधवार को पीएम के बाद बॉडी को परिजनों के हवाले कर दिया गया। पीएम हाउस पहुंचे परिजनों ने युवक खुदकुशी के बाद गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि गांव में रहने वाले पड़ोसियों से पिछले दिनों भैंस को लेकर विवाद हुआ था। इसी बात से नाराज पड़ोसी पिता-पुत्र ने बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी। गांधी नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक अभिषेक ओझा पिता जगदीश ओझा (22) सांगरोज गांव जिला मौरेना का रहने वाला था। दो दिन पहले ही अपने जेल प्रहरी चाचा बृजेश कुमार ओझा के घर पर आया हुआ था। सुबह चाचा अपनी ड्यूटी पर चले गए, तभी उसने पंखे पर फांसी का फंदा बनाकर उस पर झूल गया।
ड्यूटी से लौटे चाचा ने देखा था शव
जब चाचा ड्यूटी से अपने घर लौटे तो देखा कि वह फंदे पर झूल रहा है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। सुसाइड नोट नहीं मिलने से कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।
पिता बोले- मामूली विवाद पर जान लेने को आमादा थे पड़ोसी अभिषेक के पिता जगदीश ने बताया कि बेटा बीएससी फाइन कर चुका था। फौज में जाने की तैयारी कर रहा था। गांव में पड़ोस में ही पूरन और राहुल नाम के पिता-पुत्र रहते हैं।
राहुल को चार दिन पहले हमारी भैंस ने मामूली रूप से घायल कर दिया था। इस बात को लेकर राहुल अपने पिता पूरन के साथ घर आया था। दोनों बंदूक और कट्टे से लैस थे। आरोपियों ने घर के बाहर जमकर गालियां दीं, जिसका बेटे अभिषेक ने विरोध किया।
इस पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। हमें जानकारी मिली कि पिता-पुत्र बेटे को घेरकर मारने की प्लानिंग कर रहे हैं। बेटे का करियर खराब न हो और वाद-विवाद से दूर रहे, इस कारण उसे भोपाल भेज दिया।
लेकिन, घटना के बाद से वह खौफजदा था। इसी तनाव में उसने सुसाइड कर लिया। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। अभिषेक मेरा इकलौता बेटा था, पुलिस न्याय दिलाना चाहती है आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।




