ग्वालियर में एक सगे भाई ने अपने रिश्तेदारों और अन्य साथियों के साथ मिलकर दूसरे भाई की दुकान के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसकी रजिस्ट्री करा दी। जब इस धोकाधड़ी का पता दुकान असली मालिक को चला, तो उसने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस द्वारा जांच में देरी किए जाने पर पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश के बाद ग्वालियर थाना पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार, अर्जुनदास खत्री की रमटापुरा नंबर-1 में एक दुकान है। अर्जुनदास के भाई मुरारीलाल खत्री, निवासी रमटापुरा नंबर-1 सेवानगर, ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस दुकान के फर्जी दस्तावेज बनवाए। इन साथियों में कुसुम खत्री पत्नी सतीश खत्री (लवकुश विहार कॉलोनी, सेवानगर), राहुल खत्री पुत्र विजय कुमार खत्री (रमटापुरा), अंशुल पुत्र सतीश (उदेतपुरा, जिला भिंड) और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। जब अर्जुनदास खत्री को दुकान के फर्जी दस्तावेज बनाए जाने की जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया। हालांकि, पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को टालना शुरू कर दिया।
पुलिस से कोई कार्रवाई न होने पर अर्जुनदास खत्री ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने सुनवाई के बाद बीते दिनों एक परिवाद जारी कर ग्वालियर पुलिस को निर्देश दिए कि वह फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करे।
न्यायालय से परिवाद प्राप्त होने के बाद पुलिस ने मुरारीलाल खत्री और उनके साथियों कुसुम खत्री, राहुल खत्री, अंशुल तथा एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है।




