दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान, BJP का पूरे देश में धार्मिक उन्माद फैलाने का एक ही पैटर्न, खरगोन हिंसा पर चुप क्यों हैं पीएम मोदी
*इंदौर। खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में विवादित ट्वीट पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ लगभग पूरे प्रदेश में ही एफआईआर और मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इससे नाराज दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए खरगोन दंगे को पूरी तरह से भाजपा प्रायोजित बताया है. उन्होंने खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को बीजेपी और मुस्लिम संगठनों के मिलीभगत बताया.पूरे देश में चल रहा है यह पैटर्न: इंदौर में कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू के घर पर हुए कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि धार्मिक उन्माद फैलाने का ये पैटर्न पूरे देश में चल रहा है. इसमें भाजपा और कुछ मुस्लिम संगठन मिलकर यह खेल खेल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में नफरत और दंगों के यह आग भाजपा द्वारा फैलाई जा रही है. दिग्विजय सिंह ने कहा जो लोग पूरे देश में खुलेआम बलात्कार और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की बात कर रहे हैं उन पर मुकदमा दायर नहीं होता. मध्यप्रदेश में दंगे फसाद हो रहे हैं ,लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं क्योंकि यह सब प्रायोजित है.किसी की उंगली में चोट लगती है तो मोदी जी ट्वीट करते हैं व बयान देते हैं लेकिन कुछ लोग खुद को साधु बोलते हैं और वही लोग खुलेआम बलात्कार और भड़काने वाली बात कर रहें लेकिन फिर भी उन पर मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है। दंगे-फसाद हो रहे हैं लेकिन PM चुप हैं: दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मैं 10 साल मुख्यमंत्री रहा, इसलिए मुझे पता है कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं चाहता दंगे नहीं होते. उन्होंने खरगोन की घटना को पूरी तरीके से शासकीय तंत्र की विफलता करार दिया. उन्होंने अपने खिलाफ दायर हुए मुकदमे के सवाल पर कहा जिसने जीवन भर प्रेम सद्भाव भाईचारा बढ़ाने की बात की अहिंसा की बात की उसके खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने का मुकदमा दर्ज किया गया है.मुझे गिरफ्तार करना है तो कर लो: दिग्विजय ने कहा मैंने ट्वीट में सिर्फ सवाल पूछे थे कि क्या किसी पूजा स्थल पर बिना किसी इजाजत के झंडा फहराना उचित है. मैंने यही पूछा था कि जुलूस निकालने में नियम था कि किसी का भी जुलूस हो उसमें हथियार का उपयोग नहीं होगा हथियार में तलवार भी आती है. खरगोन का जिला प्रशासन क्या कर रहा था वहां अवैध हथियार थे तलवारें थी चाहे हिंदू का जुलूस हो या मुसलमान का उस में हथियारों का प्रयोग प्रतिबंधित था लेकिन फिर भी प्रशासन और पुलिस विफल रहे. उन्होंने यह भी कहा यदि फिर भी मुझे गिरफ्तार करना है तो कर लो।