हर गांव में हो एक सर्व समाज मंदिर – आशीष चौहान
डॉ अंबेडकर जयंती पर अभाविप की संगोष्ठी में राष्ट्रीय संगठन मंत्री
भोपाल। मानसरोवर डेंटल कॉलेज में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर जी की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान उपस्थित रहे।
उद्धबोधन के दौरान उन्होंने बाबा साहब के जीवन के बारें में विस्तृत रूप बताते हुए यह भी कहा कि प्रवास के दौरान कई विद्यार्थी उनसे आरक्षण के बारे में पूछते थे अभाविप ने विद्यार्थियों को गांव चलो अभियान के माध्यम से गांव में भेजा और वो गांव के परिदृश्य का अनुभव कर के आएं उनकी परिस्थिति देख कर आएं अलग जाति होने के बावजूद भी उन्होंने गांव में चाय पी भोजन किया और कई गांव के परिवारों ने कहा की पहली बार उनके गांव में कोई अन्य जाति के स्नेह भाव से आएं विद्यार्थियों में ये समरसता का भाव परिषद ने लाया। उन्होंने कहा कि हर गांव में एक सर्व-समाजिक मंदिर होना चाहिए और बाबा साहेब का संदेश हिंदू विरोधी नहीं, जातिवाद और ऊंच नीच के विरोधी है। समाज को आगे ले जानें के लिए शिक्षा का मार्ग अपनाना है बाबा साहब ने सबको आगे ले जाने की बात कि जिसमें समाज की बहनों का उल्लेख भी समाया है । बाबा साहेब भारत रत्न रहे परंतु इतने वर्ष बाद उनकी भारत रत्न मिला हमको ये भी समझने की आवश्यकता है ।अशीष जी ने कहा मैं ऐसे महापुरुष पर 15 मिनिट कैसे बोलूं जिस महापुरुष जिसने 2 पीएचडी लिखी और जिस विचार के लिए मैं कार्य कर रहा हूं गर्व से कहता हूं उस विचार के कार्यक्रम में बाबा साहब कई बार स्वयं सेवकों से संवाद भी किया। बताया जाता है चाय सुखा ब्रेड खाते खाते उनका प्रवास होता था पर किताब हाथ से नही जाती थी। बाबा साहब और जय भीम जैसे शब्द का उच्चारण इस महान विभूति के लिए होता था आज भी होता है इसके पीछे का कारण उनका संकल्प समझने की आवश्यता है, उन्होंने ज्ञान अर्जन के पांच नियम (घर छोड़ना, कम नींद ,ब्रह्मचारी जीवन जीना , कम खाना और निरंतर अध्ययन करते रहना ) पर भी प्रकाश डाला ।कुलपति अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि एवीबीपी विद्यार्थियों को संस्कार सिखाती है। संगोष्ठी में डॉक्टर बाबुल ताम्रकर जी, प्रोफेसर अरुण कुमार जी, कुमारी आरती ठाकुर जी और उनके विद्यार्थी उपस्थित रहे।