टीआई सुशील पटेल के अनुसार, शिकायतकर्ता दिनेश चौहान ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपी, जिसमें शुभम नेपाली मृतक सुनील चौहान को हत्या की धमकी देता सुनाई दे रहा है। यह रिकॉर्डिंग घटना से पहले की है।
दिनेश की शिकायत पर शुभम नेपाली, उसकी पत्नी पूजा नेपाली, रेवाराम और राज गोयल के खिलाफ हत्या के राजीनामे के लिए धमकी देने, जान से मारने की धमकी देने और हत्या में संलिप्तता के आरोप में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, सुनील चौहान की हत्या करीब एक साल पहले हुई थी। हत्या के वक्त आरोपी अंशू उर्फ हर्ष (राज गोयल का भाई), आदर्श उर्फ अर्जुन बिल्लोरे, बबलू उर्फ तुलसीराम कहारे और श्याम उर्फ टीटा गुजराल शामिल थे। उस समय पुलिस ने इस हत्याकांड को शराब के नशे में हुआ विवाद बताते हुए शुभम नेपाली का नाम जांच में शामिल नहीं किया था।
दिनेश ने यह भी बताया कि 10 मई को जिला न्यायालय परिसर में शुभम, पूजा और राज ने उसे धमकाया और राजीनामा करने के लिए दबाव डाला। इसके बाद 26 जुलाई को रेवाराम, शुभम और पूजा ने उस पर पिस्टल तान दी और कहा, “तेरे भाई की हत्या करवा दी, अब तेरी भी करवा देंगे।”
महेश टोपी का साथी था सुनील
एक साल पहले मारे गए सुनील चौहान का संबंध कुख्यात बदमाश महेश टोपी की गैंग से था। बताया जा रहा है कि सुनील की हत्या शुभम नेपाली और टोपी गैंग के बीच लंबे समय से चल रही गैंगवार के चलते हुए थी। हत्या के वक्त भी गैंगवार की बात सामने आई थी, लेकिन तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने मामले को दबा दिया था।
अब सामने आए मोबाइल डिटेल्स में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शुभम नेपाली फरारी के दौरान द्वारकापुरी थाने में पदस्थ कुछ पुलिसकर्मियों और क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से लगातार संपर्क में था। कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी शामिल हैं जिनका बाद में ट्रांसफर हो गया था।
इतना ही नहीं, शुभम के साथियों की जमानत के लिए कुख्यात भूमाफिया प्रेम का नाम भी सामने आया है, जो आरोपियों को कानूनी मदद पहुंचा रहा था। पुलिस अब प्रेम की भूमिका की भी जांच कर रही है और उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्स भी खंगाली जा रही हैं।
हालांकि, जब इस पूरे मामले को लेकर द्वारकापुरी टीआई सुशील पटेल से सवाल किया गया तो उन्होंने इन जानकारियों से साफ इनकार कर दिया। फिलहाल, जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है और शुभम नेपाली के नेटवर्क पर पुलिस की नजर है।