ब्याज मुक्त बोहरा समाज:चार माह में 85 लोगों ने सेविंग अकाउंट बंद कर करंट अकाउंट खुलवाए
एक और जहां व्यक्ति कमाई का कोई भी जरिया नहीं छोड़ता वहीं बोहरा समाज के लोग हर माह 30 लाख का ब्याज छोड़ रहे हैं। बोहरा समाज के लोगों के इंदौर की अलग-अलग बैंकों में 14 हजार से ज्यादा अकाउंट हैं। इनमें 70% करंट और बाकी सेविंग अकाउंट हैं। समाज के लोग वैसे तो इसलिए करंट अकाउंट खुलवाते हैं, ताकि ब्याज क्रेडिट हो ही नहीं।लेकिन जो लोग सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं या खुलवा रहे हैं उनकी पहली शर्त यही होती है कि उन्हें ब्याज ना दिया जाए। एंट्री तक नहीं हो। बैंक अधिकारियों की मानें तो सभी खातों से हर साल 30 लाख रुपए से ज्यादा की राशि की रिवर्स एंट्री होती है, क्योंकि समाज के लोग ब्याज नहीं लेते हैं। यहीं नहीं, बीते चार महीनों में 85 से ज्यादा सेविंग अकाउंट बंद कर उनकी जगह नए करंट अकाउंट खुलवाए गए।सरकारी बैंक से रिटायर्ड बैंक अधिकारी सतीश जैन कहते हैं कि बोहरा समाज के लोग खाते खुलवाते समय ही एक लेटर देते हैं, जिसमें वे कहते हैं कि उनके खातों में ब्याज नहीं दिया जाए। इसी के बाद वे सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। वहीं, बोहरा समाज के एक वरिष्ठ व्यक्ति के अनुसार इस्लाम में ब्याज के लेन-देन की सख्त मनाही है। बोहरा समाज के धर्मगुरु का भी यही फरमान है। समाज के लोग 100 फीसदी इसका पालन करते हैं। समाज से जो भी सुविधाएं आदि लोगों को मिलती हैं, वह तभी मिलती हैं जब खातों में ब्याज नहीं आ रहा हो।