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CM हेल्पलाइन, कोर्ट केस, पेंशन के 4 हजार आवेदन पेंडिंग

लोकसभा चुनाव की वजह से भोपाल में 2 महीने के अंदर 4 हजार से ज्यादा आवेदन पेंडिंग हो गए। ये आवेदन CM हेल्पलाइन, कोर्ट केस, पेंशन, पानी, राशन कार्ड समेत आम लोगों से जुड़ी समस्याओं के हैं। वोटिंग से फुर्सत पाते ही अब इन आवेदनों को निपटाने पर जोर है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, SDM, तहसीलदार समेत अन्य अफसर ऑफिसों में बैठेंगे और समस्याओं को दूर करेंगे।

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16 मार्च से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई थी। 7 मई को वोटिंग हुई। चुनाव में बड़े नेताओं के रोड शो, सभाएं और दौरे, नॉमिनेशन प्रोसेस, वोटिंग के लिए ट्रेनिंग समेत अन्य कार्यों की वजह से अफसर व्यस्त रहे। यही कारण है कि पेंडिंग केस बढ़ते गए। इधर, कलेक्टोरेट में जनसुनवाई भी बंद हो गई। इस कारण भी लोग अपनी समस्याएं अफसरों को नहीं बता पाए। हालांकि, अभी आचार संहिता खत्म नहीं हुई है, लेकिन कलेक्टर सिंह ने सभी अफसरों को आचार संहिता के दायरे में रहकर पेंडिंग केस और समस्याओं को दूर करने को कहा है। इसके लिए अफसरों की मीटिंग भी हो चुकी है।

आखिरी 6 दिन गेहूं खरीदी पर जोर
भोपाल में 20 मई तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो सकेगी। 14 मई तक 21 हजार 631 किसानों से 20 लाख 2569 क्विंटल टन गेहूं खरीदा जा चुका है। मंगलवार को 1512.80 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। आखिरी 6 दिन में गेहूं खरीदी पर जोर है।

इन कामों को निपटाने पर जोर

  • सीएम हेल्पलाइन के तहत भोपाल में डेढ़ हजार से ज्यादा शिकायतें लंबित है। इनमें लेवल-1 पर ही 1 हजार शिकायतें हैं।
  • महापौर हेल्पलाइन में मेयर सुनवाई तो नहीं कर सकती, लेकिन दर्ज शिकायतों का निराकरण अमला जरूर कर सकता है। अभी महापौर हेल्पलाइन में 1500 शिकायतें पेंडिंग हैं। चुनाव की आचार संहिता के चलते अभी इसका नाम निगम कॉल सेंटर है।
  • जिले में 222 ग्राम पंचायतें हैं। कई गांव ऐसे हैं, जहां पानी की समस्या है। जिन गांवों में ज्यादा समस्या है, वहां पानी के टैंकर भेजे जाएंगे। इसके लिए पीएचई को काम करने को कहा गया है। बंद पड़े ट्यूबवेल भी सुधारे जाएंगे।
  • समग्र आईडी, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, पात्रता पर्ची, उज्जवला योजना, जनधन खाता जैसे कई कामों को लेकर भी लोग भटक रहे हैं। इन्हें भी निपटाया जाएगा।
  • पेंशन प्रकरणों में भुगतान की स्थिति, राजस्व वसूली, गेहूं खरीदी, खाद-बीज के अग्रिम भंडारण पर भी अफसर फोकस रखेंगे।

कोर्ट केस में भी एक्टिव होंगे अफसर
एसडीएम-तहसील कोर्ट में भी कई केस पेंडिंग हैं। ये नामांकन, सीमांकन, बंटाकन आदि से जुड़े हैं। अफसरों के चुनाव में व्यस्त होने से वे सुनवाई नहीं कर सके। इन केस को निपटाने के लिए अफसर निर्धारित समय पर अपनी कोर्ट में बैठेंगे। ताकि, उनका निपटारा किया जा सके।

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