इंदौर में डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार शाम को उनका शव उनके सरकारी बंगले पर मिला है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक सुसाइड की वजह पारिवारिक विवाद बताया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही पलासिया थाना पुलिस उनके नवरतन बाग स्थित सरकारी बंगले पर पहुंची। मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है। वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।

पुलिस के मुताबिक महेंद्र सिंह सोलंकी दिन में 12 बजे से घर पर ही थे। वे एक बैठक में तबीयत का हवाला देते हुए शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने अपने असिस्टेंट से दवाइयां भी मंगाई थी।
एडिशनल सीपी अमित सिंह ने बताया-
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सुसाइड करने की वजह का पता नहीं चल पाया है।
सीसीएफ बघेल ने बताया कि, डीएफओ किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
घर के नौकर ने जाकर देखा तो फंदे पर लटके मिले बताया जा रहा है कि डीएफओ करीब 12.30 बजे अपने घर के ऊपर के कमरे में आराम करने गए थे। इसके बाद से नीचे नहीं आए। सोलंकी के बुजुर्ग माता-पिता घर पर मौजूद थे। करीब चार बजे रसोइया किशोरी सेन डीएफओ से चाय का पूछने गया लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। एक घंटे बाद उसने फिर जाकर आवाज लगाई। रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर उसे ड्राइवर रतन सिंह को बुलाया। दोनों ने मिलकर धक्का देकर दरवाजा खोला तो उनका शव फंदे पर लटका देखा।
खरगोन के रहने वाले थे डीएफओ सोलंकी
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी खरगोन जिले के रहने वाले थे। वे पिछले दो साल से इंदौर में पदस्थ थे। 7 महीने बाद वह रिटायर होने वाले थे। वे इंदौर में माता-पिता और पत्नी के साथ रहते थे। सोलंकी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटी एमबीबीएस कर रही है। पत्नी शिक्षा विभाग से कुछ महीने पहले ही रिटायर हुई है। वह गुरुवार को ही खरगोन गई थी।
कमरे में मिले दो मोबाइल की जांच
टीआई मनीष मिश्रा ने बताया कि कमरे में मिले दो मोबाइल के लॉक खुलवाने की कोशिश की जा रही है। पारिवारिक कारणों से आत्महत्या का शक हैै। उनके मोबाइल पर लगातार काल आ रहे थे। शंकर नाइक नाम का व्यक्ति लगातार वाट्सएप काल लगा रहा था।