भोपाल में 20 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर उदित गायकी की डंडे से बेरहम पिटाई करने वाले कॉन्स्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्य पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। शनिवार देर रात दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को ही आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि उदित की मौत बेरहमी से की गई पिटाई की वजह से ही हुई है। इस रिपोर्ट में मौत की वजह ट्रॉमा अटैक और पेनक्रियाज डैमेज बताया गया है।
पिपलानी थाने में पदस्थ आरक्षक संतोष बामनिया और सौरभ आर्य को शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया गया था। गुरुवार देर रात पिपलानी थाना इलाके में दोनों आरक्षकों ने रात करीब डेढ़ बजे उदित की जमकर पिटाई की थी। इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
पिटाई करने के बाद उदित बेहोशी की हालत में पहुंच गया था। उसके दोस्त उसे एम्स लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उदित के शरीर पर 16 जगहों पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं।
इसके उलट, पिपलानी थाने में दर्ज एफआईआर से पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई की बात गायब है। एफआईआर के अनुसार, कॉन्स्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्य ने बताया कि रात डेढ़ से दो बजे के बीच इंद्रपुरी में लाल कार संदिग्ध हालत में खड़ी थी। उसमें दो लड़के बैठे थे, एक बाहर खड़ा था। तीनों नशे में थे। पुलिस ने उन लड़कों से वहां खड़े होने का कारण पूछा, फिर वहां से जाने को कहा।
कॉन्स्टेबल संतोष बामनिया ने बताया कि कार में बैठे एक लड़के ने बदतमीजी की। बाहर खड़ा लड़का भागा, जिसके पीछे सौरभ दौड़ा। लड़का एक गाड़ी से टकराकर गिर गया। उसने गाली दी। वर्दी उतरवाने की धमकी दी। सौरभ ने बताया कि शांत करने की कोशिश में लड़के की टी-शर्ट फट गई। लड़का झगड़ा कर रहा था इसलिए हल्का बल प्रयोग किया। फिर उसे दोस्तों के हवाले कर गए। सुबह मौत की सूचना मिली।
FIR में जिक्र, आरक्षक संतोष ने उदित को डंडे मारे उदित की हत्या की FIR में जिक्र है कि घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इसमें अलग-अलग घटनाक्रम दिखे हैं। एक घटनाक्रम में आरक्षक संतोष उदित को डंडे से पीटता हुआ दिख रहा है।
वहीं FIR में उल्लेख है कि मृतक के दोस्त दीपेश ने बताया कि हम सीहोर से भोपाल आए तब रास्ते में बियर पी थी। अमन सरिया के पास अन्य दोस्तों को एकत्र होने का कहा था। देर रात इंद्रपुरी पहुंचे, यहां पहले से दोस्त इकट्ठे थे। भोपाल आने से पहले रास्ते में बियर पी थी। यहां आने के बाद भी दोस्तों के साथ बियर पी थी। अपनी लाल रंग की आई-10 कार में तेज आवाज में गाने बजाए। यहां मस्ती कर रहे थे।
तभी अचानक दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। जिसे देखकर उदित भागा। पुलिसकर्मी ने उसका पीछा किया, तब हमने आगे जाकर देखा, अक्षत ने उदित को अपनी कार में बैठाया और वहां से ले गया। उदित को घबराहट हो रही थी। कार का ऐसी तेज किया, हथाईखेड़ा तरफ गए। वहां से आनंद नगर तिराहा पर पहुंचे। उदित की तबीयत ज्यादा बिगड़ चुकी थी, तब उसे सांई अस्पताल ले गए।
सांई अस्पताल से उसे एम्स ले जाने की सलाह दी गई। उदित कुछ बोल नहीं रहा था। एम्स में पहुंचे तो उसे मृत घोषित कर दिया गया। तब उदित के परिजन को कॉल कर सूचना दी। हालांकि मृतक के परिजन का आरोप है कि पुलिस ने दबाव डालकर उदित के दोस्तों से इस तरह के बयान दर्ज कराए हैं। दोस्तों के हवाले से लिखे घटनाक्रम में जान बूझ कर मारपीट और अभद्रता की बात उल्लेख नहीं कराई गई। जिससे आरोपी पुलिसकर्मियों को आगे राहत मिल सके।

आरोपी आरक्षकों ने अपने बयान में पुलिस को ये बताया आरक्षक सौरभ आर्य ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि इंद्रपुरी सी सेक्टर में अमन सरिया के पास लड़कों के हुड़दंग की सूचना पर वहां पहुंचे थे। यहां लाल रंग की कार के बाहर तीन लड़के खड़े थे, तीनों के पास से शराब की बदबू आ रही थी। पूछताछ करने पर एक युवक ने कहा कि जा अपना काम कर।
हमने समझाया कि तुम लोग यहां से चले जाओ, तब एक युवक ने अभद्रता की। वर्दी को उतरवाने की धमकी दी। इसी बीच उनके तीन-चार अन्य साथी मौके पर आ गए। इसी बीच एक युवक ने भागने का प्रयास किया। मैंने उसका पीछा किया, कुछ दूरी पर जाकर युवक गिर गया।
आरक्षक सौरभ ने बताया कि मैंने युवक को उठाया तो उसने आरोप लगाया कि तेरे कारण मुझे चोट आ गई। उसने बदसलूकी की। भागने के दौरान क्योंकि मैंने उसे पकड़ने का प्रयास किया था, इससे उसकी टीशर्ट फट गई थी।
विवाद देख साथी पुलिसकर्मी संतोष भी वहां आया, युवक होश में नहीं था, तब संतोष ने उस पर हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद हम युवक को साथियों के पास ही छोड़कर चले गए। अगले दिन उसकी मौत की सूचना मिली थी।
उदित का दोस्तों के साथ मस्ती करते वीडियो उधर, उदित का दोस्तों के साथ मस्ती करते वीडियो सामने आया है। इसमें उदित मोबाइल से वीडियो बना रहा है, उसके दोस्त डांस कर रहे हैं। एक दोस्त टी-शर्ट उतारकर नाचता दिख रहा है।
देखिए, चार तस्वीरें…




पेंक्रियाज में चोट, नसें भी फट गई थीं वहीं, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत की वजह ट्रॉमेटिक हैमरेजिक पेन्क्रियाटाइटिस है यानी पेन्क्रियाज (इंसुलिन और एंजाइम बनाने वाला अंग) में आई चोट से उसकी मौत हुई। इस दौरान बॉडी में खून की सप्लाई करने वाली नसें फट गई थीं।
पीएम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मृतक की बॉडी पर ट्रैम ट्रैक पैटर्न चोट देखी गई हैं। यानी उसकी किसी डंडे, रॉड या इस तरह के बिना धार वाले हथियार से पिटाई हुई है। मृतक की बिसरा रिपोर्ट को सील कर पुलिस को सौंप दिया गया है। दोनों हाथों के नाखूनों की कटिंग, ब्लड और टिश्यू सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए हैंडओवर कर दिए हैं।
दोस्त बोला- पुलिसकर्मियों ने 10 हजार मांगे
अक्षत के मुताबिक, पुलिस वाले उदित की पिटाई कर रहे थे। हम लोग उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे। उनको ऐसा करने से मना किया लेकिन वो नहीं माने। उन्होंने जैसे-तैसे उदित को छोड़ा। मैंने उदित को कार में बैठाया। पुलिसकर्मियों ने हमसे 10 हजार रुपए की मांग की। उदित मेरे साथ कार में था, उसने सिर्फ इतना कहा कि एसी चला दे और पानी दे दे। उसने दर्द होने की कोई बात नहीं की।
रास्ते में उसने दो-तीन बार उल्टियां कीं। इसके बाद हम चौकी पहुंचे, यहां हमारी पहचान के पुलिसवाले थे। उन्हें सबकुछ बताया। मेरे एक दोस्त दीपेश ने उदित का हाथ पकड़ा तो उसका हाथ लटक गया। हमने पल्स चेक की तो नहीं मिली। तुरंत पास के अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने कहा कि केवल 1% चांस है, एम्स ले जाओ। एम्स ले गए। यहां डॉक्टरों ने कहा कि उसकी मौत हो गई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह पिटाई उदित के शव का पांच डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी कराई गई। देर शाम को आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रॉमा अटैक की वजह से मौत हुई है। बेरहमी से की गई पिटाई से शरीर के अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचा था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पेनक्रियाज के फटने का जिक्र है। पेनक्रियाज पेट के पिछले हिस्से में होता है। सीसीटीवी कैमरे में पुलिस वाला उदित को पेट के पिछले हिस्से में ही डंडे से मारता नजर आ रहा है। डॉक्टरों ने जब उदित के शरीर की जांच की तो शरीर पर 16 जगहों पर चोटों के निशान पाए गए। आंख के पास माथे पर गहरी चोट थी।
पुलिसवालों के बयान से केस कमजोर किया गया घटना के चश्मदीद और उदित के दोस्त दीपेश बरकड़े के बयान पुलिस ने दर्ज किए हैं, लेकिन उनमें यह बात गायब है कि पुलिसकर्मियों ने उदित को बेरहमी से पीटा था। एफआईआर में पुलिसकर्मियों के बचाव में उनके कथन जोड़ दिए गए हैं, जिससे पूरा मामला कमजोर हो गया है। आरोपियों को फरियादी की तरह पेश किया गया है।
कानून के अनुसार, एफआईआर में वह घटना दर्ज होती है जो फरियादी ने बताई हो। यानी उसके साथ क्या हुआ, आरोपियों ने क्या किया लेकिन इस एफआईआर में मृतक और उसके दोस्तों को ही शराब के नशे में बताया गया है।
पीएम रिपोर्ट में लिखा है कि मृतक के शरीर पर कई चोटें थीं, जो उसकी मौत से पहले लगी थीं। रिपोर्ट में मृत्यु का प्रकार हत्यात्मक (होमोसाइडल) बताया गया है, इसका मतलब है कि यह मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि किसी और व्यक्ति द्वारा की गई हिंसा का परिणाम थी। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर दिख भी रहा है कि एक पुलिस वाले ने उदित के हाथ पकड़े हैं और दूसरा बेरहमी से डंडे बरसा रहा है।
अफसर बोले- ऐसा नहीं मारा कि मौत हो जाए डीसीपी जोन 2 विवेक सिंह ने बताया कि उदित की मौत पेनक्रियाज डैमेज होने से हुई, ये पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है।
डीसीपी विवेक सिंह ने कहा- दोनों पुलिसवालों ने अपने बयान में कहा है कि उदित उन्हें देखकर भागा था। उसे संदिग्ध मानकर उन्होंने उसका पीछा किया। दोनों आरक्षकों ने ये स्वीकार किया है कि उन्होंने उदित की पिटाई की है, लेकिन ऐसी पिटाई नहीं की जिससे किसी की मौत हो जाए।
माता-पिता का इकलौता बेटा था उदित के पिता राजकुमार गायकी एमसीबी सूखी सेवनिया में इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं। मां टीचर हैं। बहनोई केतन अडलक डीएसपी हैं और फिलहाल बालाघाट हॉक फोर्स में पदस्थ हैं। उदित ने वीआईटी आष्टा से बीटेक की पढ़ाई की थी। वह पिछले तीन महीने से बेंगलुरु में रहकर नौकरी की तलाश कर रहा था।
तीन दिन पहले ही वह अपने कुछ दस्तावेज लेने भोपाल आया था। उदित के पिता राजकुमार ने बताया कि उदित से छोटी एक बहन है, जो पढ़ती है। वह इकलौता बेटा था। बेटे की मौत के बाद से वह सदमे में हैं।
पिपलानी थाने में जमकर हंगामा हुआ था उदित की मौत के मामले में परिजन ने शुक्रवार शाम को पिपलानी थाने में जमकर हंगामा और नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन होश में आओ के नारे लगाए। साथ ही आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की। इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सुखदेव पांसे भी शामिल हुए थे।
पांसे ने कहा- इस घटना से मध्य प्रदेश शर्मसार हुआ है। पुलिसवालों ने बेरोजगार युवकों से 10 हजार रुपए की मांग की और जब नहीं दिए तो बेरहमी से उदित की पिटाई की। पांसे ने दोषी पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने और पीड़ित परिवार को पांच करोड़ का मुआवजा देने की मांग भी की थी।




