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कैदी की संदिग्ध मौत पर टीआई-जेलर पर FIR

भोपाल जेल में बंद विचाराधीन बंदी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में तत्कालीन जेलर, टीआई, डॉक्टर और क्राइम ब्रांच के 5 आरक्षकों पर एफआईआर के आदेश हुए हैं। 23 जून 2015 को ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में इलाज के दौरान बंदी मोहसिन खान (24) मौत हो गई थी।

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इस मामले में मृतक की मां ने कोर्ट में प्राइवेट कम्प्लेंट फाइल की गई थी। न्यायाधीश वीरेंद्र यादव ने इस मामले की जांच की थी। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनीष मिश्रा की कोर्ट ने यह आदेश पारित किया है।

परिजन छुड़ाने पहुंचे तब 2 लाख रुपए मांगे

एडवोकेट आमिरउल्ला खान ने बताया- ग्वालियर के जेएएच अस्पताल में 23 जून 2015 को भोपाल के टीला जमालपुरा निवासी जेल बंदी मोहसिन की मौत हो गई थी। उसके परिजनों का आरोप था कि 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मुरली, दिनेश खजूरिया और चिरोंजी पूछताछ के लिए ले गए थे।

परिजनों ने ये भी आरोप लगाया था कि जब परिजन मोहसिन को छुड़वाने के लिए क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे तो उनसे दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई।

क्राइम ब्रांच के बाद पुलिस ने मोहसिन पर टीटी नगर थाने में झूठा लूट का अपराध कायम कर उसे अदालत में पेश कर जेल भिजवा दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच और टीटी नगर थाने में उसके साथ मारपीट की गई थी।

उसके प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया था। इस बात की पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में हुई थी। जेल में भी जेलर पर मोहसिन से मारपीट किए जाने के आरोप परिजनों ने लगाए थे।

मृतक के एडवोकेट आमिरउल्ला खान 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मोहसिन को ले गए थे।
मृतक के एडवोकेट आमिरउल्ला खान 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मोहसिन को ले गए थे।

मृतक की मां ने फाइल की थी शिकायत

मृतक की मां सीमा खान की ओर से कोर्ट में फाइल की गई कम्प्लेंट की पैरवी अधिवक्ता यावर खान ने की थी। इस मामले में पूर्व में तीन बार न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हत्या ओर साक्ष्य मिटाने का मामला दर्ज किया था। तीन बार सेशन न्यायालय ने वापस लोअर कोर्ट में पुनः जांच कर आदेश करने के लिए भेजा था।

चौथी बार फिर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पुलिस अधिकारी, जेलर सहित हमीदिया अस्पताल के तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध हत्या और साक्ष्य मिटाने का अपराध दर्ज कर उनकी उपस्थिति के लिए समन जारी किए। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ज्यूडिशियल कस्टडी में मारपीट से हुई मौत समाज में गहरा धब्बा होता है।

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन साहू घटना के वक्त हमीदिया अस्पताल में पदस्थ थे।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आरएन साहू घटना के वक्त हमीदिया अस्पताल में पदस्थ थे।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर

टीआई मनीष राज सिंह, तत्कालीन जेलर आलोक बाजपेई, तत्कालीन हमीदिया अस्पताल के मनोरोग डॉक्टर आरएन साहू, सब इंस्पेक्टर डीएल यादव, एसएसआई आरक्षक मुरली, चिरोंजीलाल के खिलाफ कोर्ट ने हत्या के साक्ष्य मिटाने का प्रकरण दर्ज किया है। टीआई मनीषराज सिंह भदौरिया मिसरोद में पदस्थ हैं। चिरोंजी थाना ईटखेड़ी में पदस्थ है। आरएन साहू हमीदिया से रिटायर्ड हो चुके हैं। दिनेश खजूरिया टीटी नगर में एएसआई है। आरक्षक मुरली थाना क्राइम ब्रांच में अब भी पदस्थ है।

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