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पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा बोले -रक्षाबंधन नहीं मनाने वालों को 250 रु. क्यों

मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने गुरुवार को चित्रकूट में ऐलान किया था कि इस बार लाड़ली बहनों के खाते में 1250 रुपए के बजाय 1500 रुपए आएंगे। इसमें 250 रुपए रक्षाबंधन का तोहफा है। इस पर पूर्व सांसद और भाजपा के सीनियर लीडर रघुनंदन शर्मा ने ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन नहीं मनाने वाली लाड़ली बहनों के खाते में यह राशि नहीं डाली जाए।

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रघुनंदन शर्मा ने शुक्रवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार उदार मन से काम करती है। खासकर महिलाओं के प्रति उदारता और अधिक है। सीएम डॉ. मोहन यादव अधिक संवेदनशील है। यह सही है कि रक्षाबंधन के त्योहार पर बहनों का विशेष खर्च होता है। इसे ही देखते हुए सीएम ने लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि में वृद्धि की है।’

पहले जानिए, क्या कहा था सीएम ने

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को चित्रकूट में यहां प्रदेश स्तरीय आभार सह-उपहार कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सीएम ने मंच से फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है… गाना गाते हुए बहनों को राखी का उपहार दिया।

उन्होंने मंच से घोषणा की, ’10 तारीख को सभी बहनों के खाते में इस बार साढ़े 12 की जगह 1500 रुपए आएंगे। ये 250 रुपए राखी के त्योहार के लिए हैं। जब बहनें अपने भाई को राखी बांधेंगी, तो मैं समझूंगा मेरे भी माथे पर तिलक लग गया, आनंद महसूस करेंगे। साथ ही, उज्जवला गैस कलेक्शन के लिए भी 40 लाख बहनों के खाते में 450 रुपए डाले जाएंगे।’

सीएम यादव ने चित्रकूट में 104 करोड़ के 9 कार्यों का शिलान्यास और 27 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण किया।

सीएम यादव ने चित्रकूट में 104 करोड़ के 9 कार्यों का शिलान्यास और 27 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण किया।

जो रक्षाबंधन नहीं मनातीं, उन्हें राखी के पैसे नहीं दें
रघुनंदन शर्मा ने कहा, ‘ फिर भी इसमें एक बात है कि जो रक्षाबंधन में विश्वास करते हैं, जो हिंदू इस त्योहार को मनाते हैं, उसे इस राशि का लाभ मिलना चाहिए। इसके इतर ऐसे बहनें, जो इस त्योहार को नहीं मनाते या नहीं स्वीकारतीं, उनके लिए इस बढ़ी हुई राशि का औचित्य नहीं है। सरकार को सुझाव है कि इस पर विचार करना चाहिए। जो रक्षाबंधन के पर्व को मानते हैं, उन बहनों को राशि दी जानी चाहिए। जो इसे नहीं मानतीं, उन बहनों को इस पर्व से मुक्त रहना ज्यादा अच्छा रहेगा, ताकि जिनको लाभ मिलता है, उनके साथ न्याय हो सके।

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