जमीन घोटाला मामले में पूर्व CM हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली
जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। 6 महीने बाद उन्हें ये राहत मिली है। 31 जनवरी की रात ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।
जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई पूरी हो चुकी थी। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पिछले तीन दिनों तक सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जेल जाने के 96 दिन बाद हेमंत सोरेन चाचा निधन पर पैरोल पर बाहर आए थे।
13 जून को ईडी की ओर से वकील एसवी राजू ने पक्ष रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जा सकती है। वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें जमानत मिल जाता है तो जांच प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
वहीं, ED ने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। यह पीएमएलए-2002 में निहित प्रावधानों के अनुसार मनी लांड्रिंग है।
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कुछ दिन पहले ही गांडेय उपचुनाव में जीत दर्ज की है।
हालांकि, हेमंत सोरेन का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने रखा। उन्होंने कहा कि इस केस में मनी लांड्रिंग का मामला नहीं बनता है। यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मसला है। उन्होंने कहा कि ED अपनी चार्जशीट में जिस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही है, वह महज उनका अनुमान है।
इससे पहले हेमंत सोरेन के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस 8.86 एकड़ जमीन को लेकर ईडी कार्रवाई कर रही है, वह उनके नाम है ही नहीं। ईडी सिविल मामले को क्रिमिनल बना रही है। ऐसे में उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर जमानत दी जाए।