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लाड़ली बहनों को 3000 नहीं, 1250 रुपए ही मिलेंगे

मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार का पहला बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। इसमें सबसे ज्यादा फोकस महिलाओं पर ही रहने वाला है। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर सरकार 80 हजार करोड़ खर्च करेगी।

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सूत्र बताते हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली बंपर जीत की वजह महिलाएं रही हैं, इसलिए उन पर सरकार का ज्यादा ध्यान है। पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने यह राशि बढ़ाने की बात की थी। वहीं, 29 जून को बालाघाट में सीएम मोहन यादव ने भी राशि बढ़ाने के संकेत दिए थे। हालांकि, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को 1250 रुपए के हिसाब से ही बजट प्रावधान किया गया है यानी फिलहाल राशि 3000 रुपए तक नहीं बढ़ने वाली है।

बजट में महिलाओं के बाद सबसे ज्यादा फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर रहने वाला है। सड़कों के नेटवर्क को मजबूत करने और पुराने प्रोजेक्ट के लिए फंड का प्रावधान होगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार बजट में कोई नई योजना की घोषणा भी नहीं करेगी। साथ ही जनता पर बोझ बढ़ाने वाला कोई कदम भी नहीं उठा रही है। केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर विभागों को राशि आवंटित की जा रही है।

कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और पेंशनरों को महंगाई राहत की राशि बढ़ाने के साथ ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए भी प्रावधान किया गया है। 

पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने 60 हजार करोड़ का प्रावधान

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मोहन सरकार का पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने पर ज्यादा फोकस है। यही वजह है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बजट में पूंजीगत व्यय मद में करीब 60 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। जो अब तक की सर्वाधिक राशि है। यह राशि 2022-23 में 46,800 करोड़ रुपए थी, जो 2023-24 में 15% बढ़कर 56,256 करोड़ रु. हो गई। अब पूंजीगत व्यय मद में 4 हजार करोड़ का इजाफा किया जा रहा है।

इसमें सिंचाई परियोजनाएं, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को गति देने के साथ छोटी सड़कों पर ध्यान दिया जाएगा। राज्य अपने संसाधनों से भी पुल,सिंचाई, सीएम राइस स्कूल भवन, प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज और चिकित्सा महाविद्यालय के लिए राशि खर्च करेगी। केंद्र सरकार की भी मंशा है कि प्रदेश में पूंजीगत निवेश बुलाया जाए ताकि रोजगार के अवसर भी बड़े और अर्थव्यवस्था को गति मिले।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 56 हजार करोड़ का कर्ज ले सकती है सरकार

वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय बनाने के लिए बजट में एक तरफ 11.1% बढ़ोतरी कर इसे रिकॉर्ड 11.11 लाख करोड़ रुपए किया है। माना जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा मध्य प्रदेश को होगा।

इसकी वजह यह है कि मप्र का सकल घरेलू उत्पाद पूंजीगत व्यय सबसे अधिक 4.5% है। इस हिसाब से मप्र 56 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों में खर्च करने के लिए कर्ज ले सकता है। अब बजट का साइज बढ़ेगा तो पूंजीगत व्यय भी बढ़ने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ेगा।

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