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MP Budget 2022: 13 हजार टीचर्स की भर्ती, डीए 31% किया, चाइल्ड बजट भी हुआ पेश

MP Budget 2022: भोपाल। विपक्ष के हंगामे में बीच बुधवार को मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने जाकर लगातार नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। किसान भी परेशान हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील कर कहा-बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है कर लेना। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष को यह भी नहीं बता कि बजट का विरोध कब करना चाहिए। जब वित्तमंत्री ने भाषण शुरू किया तो विपक्ष के विधायक हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए।

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13 हजार टीचर्स की नियुक्ति की जाएगी

वित्तमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार टीचर्स की नियुक्ति की जाएगी, सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं, उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उघोगों को रियायती दरां पर रियायत पर जमीन दी जाएगी। राज्‍य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया। 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का कुल बजट है। बजट में इस बार चाइल्ड बजट भी पेश किया गया।बजट में महंगाई भत्ता 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत किया गया है, इसका लाभ राज्‍य के साढ़े सात लाख कर्मचारियों को मिलेगा।

बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है

भारी हंगामें के बीच वित्त मंत्री वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। उन्होंने कहा-सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्राविधान किया गया। 4000 किमी सड़के बनाने का लक्ष्य इस साल। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है।

जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने कहा, मध्य प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। वित्तमंत्री ने बजट भाषण में कहा, प्रदेश में राजस्व घाटा 18356.22 करोड़ रुपये रहा। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआइ टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गोव संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाए शुरू की जाएगी।

मध्य प्रदेश में 360 सीएम राइज स्कूल खोलने का लक्ष्य

2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपए रहा, 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे।

पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार

वित्तमंत्री ने कहा मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा, इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्राविधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़‍ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़‍ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पटिट्यों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपए के घाटे का बजट है।

3 हजार किमी नई सड़कें बनेगी

मध्य प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपए का प्राविधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्‍हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों रुपए का प्राविधान है, निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपए का प्राविधान है। आंगनवाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपए का प्राविधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ रुपय का प्राविधान है।

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सीएम शिवराज ने दी वित्तमंत्री को बधाई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए मध्य प्रदेश अपना पूरा योगदान दे रहा है, राज्य सकल घरेलू उत्पाद 19.74% पहुंच गया है। देश में आज अर्थव्यवस्था की दृष्टि से हम प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा को बधाई देता हूं। मध्य प्रदेश आज सकल घरेलू उत्पाद 11 लाख 79 हजार 4 करोड़ हो गया है। बजट में सभी क्षेत्र का ध्यान रखा है। अधोसंरचना पर मध्य प्रदेश 50% बजट खर्च करेगा। मैं मानता हूं कि सरकार आम जन पर कोई नया टैक्स नहीं लगाएगी। सरकार चाइल्ड बजट भी ला रही है।

मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज सुबह घर से विधानसभा की ओर निकलने से पहले कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का यह बजट जनहित का बजट होगा। इस बजट को सभी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि जो आपको उम्मीद है इस बजट में वो सबकुछ होगा। इसके बाद वे बजट का बैग लेकर विधानसभा की ओर रवाना हो गए। मध्य प्रदेश के सभी लोगों की निगाहें इस बजट पर टिकी हैं। कोरोना काल का मुश्किल समय बीत जाने के बाद सभी इस बजट से राहत की उम्मीद लगाए हैं।

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मध्य प्रदेश के बजट में सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना के लिए 10345 करोड़ का प्राविधान किया गया है। माध्यमिक शालाओं के लिए 6212 करोड़ का प्राविधान। समग्र शिक्षा अभियान हेतु 3908 करोड़ का प्राविधान। प्राथमिक शालाओं हेतु 3383 करोड़ का प्राविधान। शासकीय हाइ, हायर सेकेंड्री शालाओं हेतु 3160 करोड़ का प्राविधान। कला, विज्ञान तथा वाणिज्य महाविद्यालय हेतु 2109 करोड़ का प्राविधान। माध्यमिक शालाओं के लिए 1898 करोड़ का प्राविधान किया गया है। शासकीय स्कूल, छात्रावास, पुस्तकालय, आवासीय खेलकूद भवनों का निर्माण एवं विस्तार हेतु 253 करोड़ का प्राविधान है। अशासकीय शालाओं को अनुदान हेतु 200 करोड़ का प्राविधान। शिक्षा उपकर से ग्रामीण शालाों का उन्नयन एवं संधारण हेतु 166 करोड़ का प्राविधान। निश्शुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय हेतु 109 करोड़ का प्राविधान और हाई और हायर सेकेंड्री स्कूलों में पढ़ने लिखने की बैठक व्यवस्था एवं प्रयोगशाला हेतु 100 करोड का प्राविधान किया गया है।

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