एमपी नगर में 175 बेसमेंट में दुकानें, कोचिंग, किचन कभी भी हो सकता है हादसा
बेसमेंट में सिर्फ पार्किंग का प्रावधान होने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं
एमपी नगर के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स दिल्ली जैसे हादसे के बेस हो गए हैं। यहां करीब 175 ऐसी बिल्डिंग हैं जिनके बेसमेंट में पार्किंग की जगह व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। इनमें सिर्फ कोचिंग संस्थान ही नहीं हैं बल्कि रेस्टोरेंट्स के किचन, ऑफिस और बड़ी संख्या में दुकानें शामिल हैं। यहां 10 हजार लोगों का रोज आना-जाना रहता है।
शहर में 2007 में स्थानीय प्रशासन ने एक सर्वे करवाया था। इसमें एमपी नगर में करीब 550 कॉम्प्लेक्स की जांच की गई थी। इनमें से 175 के बेसमेंट पूरी तरह कमर्शियल पाए गए थे। नक्शे में तो पार्किंग दिखाई है लेकिन यहां व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। बीते 17 साल में नगर निगम ने सिर्फ एक बार नोटिस दिए, कोई कार्रवाई नहीं की।
17 साल में नगर निगम ने सिर्फ एक बार नोटिस दिए, कार्रवाई नहीं की
नियम है, पर पालन नहीं… नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के अनुसार स्ट्रक्चरल डिजाइन का पालन अनिवार्य है। भवन निर्माण संहिता 2016 में बेसमेंट पार्किंग अनिवार्य की गई है। जिला प्रशासन अक्टूबर 2007 से ही बेसमेंट के पार्किंग के अलावा अन्य उपयोग पर प्रतिबंध लगा चुका है।
टाइम कोचिंग के बेसमेंट में चल रही थी लाइब्रेरी, सील
गुरुवार को जिला प्रशासन की टीम ने पुलिस प्रशासन, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस के साथ कुछ कॉम्प्लेक्स में कार्रवाई की। एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया कि टाइम कोचिंग इंस्टीट्यूट की बेसमेंट की लायब्रेरी को सील किया है। इसके अलावा तीन बेसमेंट को पार्किंग नहीं होने के कारण सील किया गया है। कोचिंग संस्थानों में मॉक ड्रिल भी गई। बच्चों और स्टाफ को आग लगने, ज्यादा बारिश की स्थिति होने और अन्य आपदा के दौरान सुरक्षित बाहर निकलने के लिए टिप्स दिए गए हैं।
हम सुरक्षा को लेकर कार्रवाई कर रहे हैं
एमपी नगर में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के बेसमेंट में सुरक्षा व्यवस्था और पार्किंग को लेकर कार्रवाई कर रहे हैं। ट्रैफिक और सुरक्षा पर कॉम्प्लेक्स संचालकों और व्यापारियों संग बैठक करेंगे। बेसमेंट में पार्किंग के अलावा अन्य गतिविधि संचालित नहीं होने देंगे। –कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर