चार साल तक चुनाव नहीं, तीन साल के लिए बैन
विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद खर्च का हिसाब नहीं देने वाले सिवनी जिले के 4 नेताओं के तीन साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। इन नेताओं ने चुनाव लड़ने के बाद तीस दिन की तय समय अवधि और इसके बाद कलेक्टर के नोटिस के बाद भी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया था। इसलिए अब ये आगामी तीन साल तक सांसद, विधायक पद का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। चुनाव आयोग द्वारा तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध का हालांकि इन नेताओं पर कोई असर नहीं होने वाला है क्योंकि प्रदेश में अगले चार साल तक विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं होना है।
भारत निर्वाचन आयोग के सचिव विनोद कुमार द्वारा जारी आदेश में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित नेताओं में सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे संतर वलारी, गोविन्द सिंह, सिवनी विधानसभा सीट से कैंडिडेट मोहम्मद शादाब पटेल, अजय ओंकार सिंह बघेल ने विधानसभा चुनाव के एक माह के भीतर चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया था जबकि इन्हें 2 जनवरी 2024 तक खर्च का पूरा हिसाब देना था।
इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने इन सभी प्रत्याशियों को 19 जुलाई 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया और 20 दिन के भीतर ब्यौरा देने के लिए कहा गया। इसके बाद भी इनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद चुनाव आयोग को जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी भेजी है। आयोग ने इसके बाद इन चारों विधानसभा चुनाव प्रत्याशी रहे नेताओं के आगामी तीन साल चक सांसद या विधायक पद के किसी भी तरह के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
इस आधार पर लिया फैसला
चुनाव खर्च का लेखा समय की भीतर और उस व्यवस्था के अंतर्गत नहीं दिया गया है जैसा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान है। खर्च का ब्यौरा नहीं दे पाने के पीछे कोई उचित कारण या न्यायोचित बात नहीं कर पाता है।
एमपी में अब 2028 में होंगे चुनाव
प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव नवम्बर 2028 में होंगे। इसके बाद मई 2030 में लोकसभा के चुनाव होंगे। जिन नेताओं को तीन साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित किया गया है उनके इलाके में अब किसी निर्वाचित प्रतिनिधि की मृत्यु पर ही तीन साल में कोई चुनाव हो सकता है। जब नया चुनाव आएगा तब तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करने की समय सीमा बीतने के कारण ये सभी योग्य हो जाएंगे।