माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अब पढ़ाई का तरीका बदलने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि विश्वविद्यालय में अब ‘साइबर’ और ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)’ जैसे आधुनिक विषयों पर केंद्रित नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं। इसका मकसद यह है कि विश्वविद्यालय तेजी से बदलती मीडिया दुनिया की जरूरतों को पूरा कर सके और एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में अपनी पहचान बना सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह बात मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित विश्वविद्यालय की महापरिषद की बैठक में कही। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने और उनकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण जैसी गतिविधियां भी शुरू करनी चाहिए।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और महापरिषद के सदस्य मौजूद रहे।
शुरू होंगे एक वर्षीय PG कोर्स
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। विश्वविद्यालय में अब एक वर्षीय स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत एम.ए. (जर्नलिज्म एंड क्रिएटिव एंड राइटिंग), एम.ए. (मास कम्युनिकेशन), एम.ए. (एडवर्टाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस), एम.एससी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) और एम.एससी.ए. जैसे पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

जॉब ओरिएंटेड शिक्षा पर जोर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालय के रीवा और खंडवा परिसरों में भी जॉब ओरिएंटेड शिक्षा शुरू करने के लिए एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। यह कदम स्थानीय युवाओं को कौशल संपन्न बनाने में मदद करेगा। साथ ही, विश्वविद्यालय के PHD नियमों को भी यूजीसी के पीएचडी अधिनियम 2022 के अनुसार अपडेट करने और इसी आधार पर पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी मिल गई है।
फेस डिटेक्शन मशीन से होगी उपस्थिति दर्ज
आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए, विश्वविद्यालय में अब फेस डिटेक्शन मशीन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था पर भी सहमति बन गई है। यह पारदर्शिता बढ़ाएगा। विद्यार्थियों को बेहतर व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए नए मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग में प्रिंटिंग प्रेस व लैब और पैकेजिंग लैब की स्थापना के प्रस्ताव को भी स्वीकृत दे दई गई है।
विश्वविद्यालय में लागू होगा उच्चतर वेतनमान
बैठक में रीवा परिसर के सभागार का नाम लाल बलदेव सिंह सभागार रखने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली। इसके अलावा, वित्त विभाग के आदेशानुसार चतुर्थ समयमान उच्चतर वेतनमान को विश्वविद्यालय में लागू करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया, जिससे कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।