सेक्स चैट में नंबर ट्रेस होना बनाया, आईपीएस राकेश सगर को फोन लगाने से बचे : ग्वालियर में अब जिला मलेरिया अधिकारी डिजिटल अरेस्ट
ग्वालियर में फिर एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने ग्वालियर के जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को टारगेट किया है। गुरुवार दोपहर 1.22 बजे उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। उनको डराया गया कि उनका मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग, अश्लील चैट, पोर्नोग्राफी केस में ट्रेस हुआ है। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी बताया था।
ग्वालियर में पिछले सप्ताह में डिजिटल अरेस्ट का यह दूसरा मामला है। तीन दिन पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 29 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने 21 लाख रुपए ठगे थे। अब गुरुवार को जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ. विनोद दोनेरिया को टारगेट किया है।
डॉ. विनोद दोनेरिया ने बताया कि रोज की तरह गुरुवार सुबह ड्यूटी पर गया था। दोपहर 1.22 बजे लंच टाइम पर जब वह अपनी कार में थे तभी उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। वह जिला मलेरिया अधिकारी हैं इसलिए कई बार अनजान नंबर से कॉल आते हैं। इसलिए उनको कुछ अजीब नहीं लगा। कॉल रिसीव किया तो कॉल करने वाले ने बताया कि वह TRAI (टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) का अधिकारी है। कॉल करने वाले ने डॉक्टर से मनी लॉन्ड्रिंग, पोर्नोग्राफी और सेक्स चैट में उनका नंबर ट्रेस होने की बात कही। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है। इस पर कॉल करने वाले ने मुंबई पुलिस को कॉल फॉरवर्ड करने की बात कही। इसके बाद वीडियो कॉल आया। इसमें पुलिस की वर्दी में एक अधिकारी था। पीछे महाराष्ट्र पुलिस लिखा एक बोर्ड लगा था। करीब साढ़े तीन घंटे जिला मलेरिया अधिकारी डिजिटल अरेस्ट रहे और कथित मुंबई पुलिस उनसे पूछताछ करती रही। अकाउंट की डिटेल मांगते हुए 50 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। डॉक्टर को गड़बड़ी का अंदेशा होने पर उन्होंने वीडियो कॉल कट कर परिचित IPS राकेश सगर को कॉल किया। तब पता लगा कि वह फ्रॉड का शिकार हो रहे थे। इसके बाद जिस नंबर से वीडियो कॉल व कॉल आया था वह बंद आने लगा।
वॉट्सऐप पर भेजे डॉक्यूमेंट में डॉक्टर का ही नाम इसके बाद मुंबई पुलिस के अधिकारी बनकर बात कर रहे युवक ने डॉक्टर को बताया कि उसका नाम नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। इस पर डॉक्टर ने उनको बताया कि वह कभी मुंबई गए ही नहीं हैं। न ही ऐसा कोई लेनदेन किया है। इस पर कथित मुंबई पुलिस ने डॉक्टर को बैंक स्टेटमेंट और कैनरा बैंक का ATM कार्ड भेजा। जिस पर विनोद दोनेरिया का नाम लिखा था। जिसके बाद वह घबरा गए और ठगों के जाल में फंस गए।
ईडी की जांच के लिए मांगे 50 हजार रुपए
इसके बाद ठग ने डॉक्टर से कहा कि वह अभी उनके अकाउंट मं 50 हजार रुपए ट्रांसफर करे। इसके बाद उसके अकाउंट की जांच ईडी करेगी। अगर उसके बैंक अकाउंट से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लेनदेन हुआ होगा तो पूरे परिवार सहित गिरफ्तार कर लिया जाएगा और नहीं हुआ होगा तो तत्काल 50 हजार रुपए वापस कर दिए जाएंगे। इसके बाद डॉक्टर को अचानक आईपीएस और पूर्व में ग्वालियर एसपी रहे राकेश सगर की याद आई। वह उनके परिचित हैं, तो डॉक्टर ने वीडियो कॉल कट कर उनको फोन लगा दिया। यहां आईपीएस ने तत्काल उनको अलर्ट करते हुए शिकायत करने के लिए कहा। इसके बाद वह थाटीपुर थाना पहुंचे और ठगी के प्रयास करने का मामला दर्ज कराया है
इसके बाद ठग ने डॉक्टर से कहा कि वह अभी उनके अकाउंट मं 50 हजार रुपए ट्रांसफर करे। इसके बाद उसके अकाउंट की जांच ईडी करेगी। अगर उसके बैंक अकाउंट से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए लेनदेन हुआ होगा तो पूरे परिवार सहित गिरफ्तार कर लिया जाएगा और नहीं हुआ होगा तो तत्काल 50 हजार रुपए वापस कर दिए जाएंगे। इसके बाद डॉक्टर को अचानक आईपीएस और पूर्व में ग्वालियर एसपी रहे राकेश सगर की याद आई। वह उनके परिचित हैं, तो डॉक्टर ने वीडियो कॉल कट कर उनको फोन लगा दिया। यहां आईपीएस ने तत्काल उनको अलर्ट करते हुए शिकायत करने के लिए कहा। इसके बाद वह थाटीपुर थाना पहुंचे और ठगी के प्रयास करने का मामला दर्ज कराया है