प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज किए जाने के विरोध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पीसीसी के सामने प्रदर्शन किया। मोहन सरकार के खिलाफ नारे लगाए। एनएसयूआई कार्यकर्ता कागज की तलवार लेकर प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़े तो पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की झूमाझटकी भी हुई।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे व अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब-जब जीतू पटवारी शोषितों, दलितों, वंचितों के साथ खड़े होकर उनकी आवाज उठाते हैं, जब उनके साथ खड़े होते हैं, तब तब मोहन यादव सरकार उनके विरोध में कार्यवाही करते हैं। इसी कारण कायरता पूर्ण रवैया दिखाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। एनएसयूआई इसका विरोध कर रही है। कागज की तलवार लेकर सीएम को भेंट करने के लिए निकले हैं। सीएम मोहन सरकार की कार्यप्रणाली कागज की तलवार की तरह शक्ति विहीन है।
जब अत्याचार होता है तो सरकार एक पोस्ट तक नहीं करती। अशोकनगर के मुंगावली में जो एफआईआर हुई है उससे पता चलता है कि सरकार विपक्ष से डरी है।
यह है पूरा मामला
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोक नगर जिले के मुंगावली थाना में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई है। खास बात यह है कि एफआईआर उसी युवक ने दर्ज कराई है, जो दो दिन पहले जीतू पटवारी से मिला था।
युवक ने गांव के सरपंच पति और बेटे पर गंदगी खिलाने का आरोप लगाया था। उसने कहा था कि इस मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिसके बाद जीतू पटवारी ने वहीं से कलेक्टर को फोन लगाकर इस मामले में एक्शन लेने को कहा था।
अब यह युवक अपनी बात से पलट गया है। उसने आरोप लगाया कि जीतू पटवारी के कहने पर ही सरपंच के पति और बेटे पर गंदगी खिलाने और मारपीट होने का आरोप लगाया था। बदले में बदले मोटरसाइकिल और आर्थिक मदद देने का वादा किया गया था।

जीतू पटवारी के कहने पर ये सब किया
दरअसल, बुधवार को अशोकनगर जिले के मुंगावली थाना क्षेत्र के मूड़रा बरवाह गांव का युवक जीतू पटवारी से मिला था। उससे मिलने का वीडियो जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। युवक ने पटवारी से शिकायत की थी कि उसके भाई की मोटरसाइकिल सरपंच के पति, बेटे ने रख ली थी।
जब वह बाइक लेने गया तो विकास यादव और उसके पिता राजन यादव ने उसके साथ मारपीट की और उसे गंदगी खिलाई।
इसके बाद 26 जून को युवक ने कलेक्टर को दिए शपथ पत्र में स्वीकार किया कि मानव गंदगी (मल) खिलाने की घटना झूठी थी। कांग्रेस नेता उन्हें ओरछा ले गए। वहां जीतू पटवारी ने उन्हें अमानवीय घटना का बयान देने को कहा। बदले में मोटरसाइकिल और आर्थिक मदद का वादा किया गया।