कांग्रेस सांसदों की मांग- राहुल विपक्ष के नेता बनें
राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हो सकते हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठी। पार्टी सांसदों ने एक प्रस्ताव पास कर इसकी मांग रखी। इस पर राहुल ने सोच-विचार करने के लिए समय मांगा। लोकसभा में यह पद पिछले 10 साल से खाली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ से एक दिन पहले शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग दिल्ली के अशोका होटल में करीब 3 घंटे चली। अब शाम 5.30 बजे कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक होगी। इसमें संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में कहा- जहां-जहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरी, वहां-वहां पार्टी की सीटें बढ़ी हैं। खड़गे ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के हर एक नेता और कार्यकर्ता को बधाई दी।
CWC की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद शामिल हुए। बैठक में लोकसभा में जीती और हारी हुई सीटों पर भी चर्चा हुई।
10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली
लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी 543 सीटों में से कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं।
2014 में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी उस वक्त पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने से इनकार कर दिया था। पिछली लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन तब भी 54 सीटें नहीं हुईं। अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेता बनाए गए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तब भी कोई नहीं हो सका।