कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का आज जन्मदिन है। भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमित शर्मा ने समर्थकों के साथ राहुल गांधी का जन्मदिन मनाया। अमित शर्मा ने राहुल गांधी के कटआउट (पोस्टर) को दूध से नहलाया।
मंत्री सारंग बोले- ये चमचागिरी की पराकाष्ठा राहुल गांधी के पोस्टर को दूध से नहलाने पर मप्र के खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, कांग्रेस की नेहरू परिवार के प्रति चमचागिरी की मानसिकता पर आश्चर्य है। बस एक परिवार में पैदा होने पर महिमामंडन किया जा रहा है, यह शर्मनाक है। दूध से अभिषेक करना चमचागिरी की पराकाष्ठा है।
कांग्रेस ने हर समय दलित और आदिवासियों को नीचा दिखाने का काम किया है। बाबा साहेब अंबेडकर जब चुनाव लड़े तो नेहरू ने उन्हें हराने का षड्यंत्र किया। कांग्रेस में नेहरू परिवार ने हर समय अंबेडकर को नीचा दिखाने का काम किया।

‘ये सनातन परंपरा और किसानों की मेहनत को पैरों तले रौंद रहे’ बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, कांग्रेस द्वारा दूध नहीं, किसान का सम्मान बहाया जा रहा है। जिस राहुल गांधी ने महाकुंभ में गंगा स्नान करने से परहेज किया, उनके लिए कांग्रेसियों द्वारा दुग्धाभिषेक करना न सिर्फ सनातन परंपरा का अपमान है, बल्कि देश के दुग्ध उत्पादक किसानों की मेहनत को भी पैरों तले रौंदना है।
किसानों का खून बहाने वाली कांग्रेस ने भोपाल के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर राहुल गांधी का पोस्टर रखकर जातिगत जनगणना की खुशी में दूध बहाया। जो कांग्रेसी गंगा में डुबकी लगाने से डरते हैं, वो किसानों के पसीने से नहाने में गौरव समझते हैं।
आशीष अग्रवाल ने आगे कहा, राहुल गांधी जी ये दुग्ध-स्नान असल में ‘कृषक तिरस्कार’ है। जिस किसान का दूध बेचकर घर चलता है, उसकी रोजी-रोटी को यूं सड़क पर बहा देना, क्या यही है कांग्रेस की संवेदनशीलता और “मोहब्बत की राजनीति”?
राहुल गांधी के जन्मदिन पर दिखावे का नाटक नहीं, जवाबदारी की अपेक्षा थी जो कांग्रेसियों से हो न सका। दूध बहाकर कांग्रेस ने अपनी सोच, संस्कृति और संवेदनशीलता तीनों की पोल खोल दी है।