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Rajasthan: रीट पेपर लीक मामले पर बोले मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी, बेरोजगारी हटाना है जरूरी

जोधपुर, 1 मार्च। बेरोजगारी का मसला हल होना बहुत जरूरी है, नहीं तो प्रदेश में रीट जैसे मामले बढ़ते ही रहेंगे। ये बड़ा बयान दिया है राजस्थान के चीफ जस्टिस अकील कुरैशी ने। जोधपुर में बाल परामर्श कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अकील कुरैशी ने अपने रिटायरमेंट के कुछ दिन पहले ही जोधपुर में मंच से यह बयान जारी किया है। हालांकि अपने संबोधन से पहले रिस्ट्रिक्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनेताओं को यह सुविधा है, लेकिन जुडिशियरी के लिए कई नियम हैं। चीफ जस्टिस जोधपुर में बाल परामर्श कौशल विकास केंद्र के लोकार्पण में जोधपुर आए थे।

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बाल अधिकार और उनके संरक्षण के साथ उनके रोजगार की समुचित चिंता और व्यवस्था का जिक्र करते हुए सीजेआर ने रीट परीक्षा पेपर आउट को लेकर कहा कि वर्तमान में बेरोजगारी का मसला हल होना बहुत जरूरी है नहीं तो ऐसे कृत्य होते रहेंगे और पेपर लीक होते रहेंगे। उनके साथ मंच पर तीन और न्यायाधीश भी बैठे थे। साथ ही प्रदेश की कैबिनेट मंत्री महिला और बाल अधिकारिता विभाग की मुखिया ममता भूपेश मंच पर मौजूद थी।

जोधपुर में बाल परामर्श व कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का लोकर्पण हुआ। इस मौके पर जोधपुर के मंडोर स्थित नारी निकेतन कम्पाउंड एरिया में मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी की मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रशासनिक न्यायाधीश संदीप मेहता विजय विश्नोई और इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उन्होंने बाल अपचारियों को मुख्य धारा में पुनः जोड़ने की बात कहते हुए उनसे यह उम्मीद भी जताई कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह अपने काम से 10 नए लोगों को जोड़ेंगे, जिससे रोजगार के अवसर सृजित किए जा सके। सीजेआर ने इसे समाज के लिए महत्वपूर्ण बताया जिससे अल्पायु में समाज से अलग हुए युवा पुनः समाज में सम्मिलित हो सकें।

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