रामनिवास ने खुद को बताया मध्य प्रदेश का गृहमंत्री
ये क्या कह रहे हैं, रामनिवास जी
शपथ ग्रहण के समय कैबिनेट मंत्री की जगह राज्यमंत्री पद की शपथ ले ली!
अब आपको वन और पर्यावरण मंत्री का दायित्व सौंपा गया तो खुद को गृह मंत्री बता रहे हैं ।
कांग्रेस से बीजेपी में आए रामनिवास रावत मंत्री पद की शपथ लेने के बाद एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसमें पहले वे खुद को गृहमंत्री बताते हैं और बाद में उसी बयान में वन मंत्री के रूप में वनों और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए पूरी ताकत से काम करने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस ने रावत के इस बयान पर चुटकी ली है और कहा है कि लगता है कि रावत बहुत जल्दी में हैं।
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में मंत्री रामनिवास रावत कह रहे हैं कि हमारे पीएम नरेंद्र मोदी का विकसित और समृद्ध भारत का जो संकल्प संजोया है उसे देश के राज्य के गृह मंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश बनाने में महती भूमिका निभाउंगा। रावत ने यह भी कहा कि वे विश्वास दिलाता हैं कि प्रदेश के मंत्री वनों को और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए नैतिक रूप से पूरी शिद्दत से काम करेंगे। गौरतलब है कि रावत को 8 जुलाई को शपथ दिलाने के बाद मोहन सरकार में 21 जुलाई को वन और पर्यावरण विभाग के मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मैंने नहीं दिया ऐसा बयान
इधर मंत्री रावत ने वायरल वीडियो के मामले में भास्कर से चर्चा में कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। लोगों को वीडियो सुनने में दिक्कत हुई होगी। उन्होंने कहा कि मेरा बयान वन मंत्री के लिए ही है। रावत ने कहा कि उनके बयान के गलत मतलब निकाले जा रहे हैं।
ये क्या कह और कर रहे हैं मंत्री रामनिवास….
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी रावत के वीडियो को लेकर एक्स पर टिप्पणी की है। सिंघार ने रावत के बयान को लेकर लिखा कि शपथ ग्रहण के समय आपने मंत्री की जगह राज्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अब आपको वन और पर्यावरण मंत्री का दायित्व सौंपा गया तो खुद को गृह मंत्री बता रहे हैं। कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ लग रही है। ऐसा तो नहीं कि आपका लक्ष्य मुख्यमंत्री बनने का हो। आखिर ऐसा कैसे है कि जब भी आप मुंह खोलते हैं, कुछ गलत ही निकलता है। कांग्रेस में तो आप ऐसे नहीं थे। बीजेपी में जाते ही आपकी मनःस्थिति पर इतना गहरा असर कैसे हो गया। मोदी के प्रति आपके अमृत वचन के समय भी आपकी भाव भंगिमाएं उतने समर्पण भाव वाली तो दिखाई नहीं दे रहीं। अभी तो आपको विपरीत परिस्थितियों में उपचुनाव भी लड़ना है। … जरा ध्यान रखिए, मुंह से फिर कुछ गड़बड़ न निकल जाए।