सड़क में खामियां ढूंढने पर RTI एक्टिविस्ट की हत्या:विदिशा में 3 ठेकेदारों ने मिलकर दी सुपारी, टैटू से पकड़ाया शूटर
विदिशा में PWD कैंपस में गुरुवार को RTI एक्टिविस्ट रंजीत सोनी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने 3 ठेकेदार, एक मध्यस्थ और एक सुपारी किलर को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि रंजीत ठेकेदार जसवंत रघुवंशी, एस. कुमार चौबे और नरेश शर्मा को बार-बार ब्लैकमेल कर रहा था। परेशान होकर उन्होंने रंजीत को रास्ते से हटाने की साजिश रची। तीनों ने साथी शैलेंद्र पटेल के जरिए सुपारी किलर अंकित यादव उर्फ टुंडा से संपर्क किया। टुंडा से 6 लाख रुपए में डील हुई। 25 हजार रुपए एडवांस दिए। गुरुवार को टुंडा ने लोक निर्माण विभाग के कैंपस में 2 मीटर दूरी से रंजीत के सिर पर गोली मार दी। हत्या के बाद वह सिलवानी भाग गया था। टुंडा के हाथ में टैटू गुदे हुए हैं। भागते वक्त एक पुलिसवाले ने उसे देख लिया था। इसी आधार पर वह पकड़ में आ गया।
ठेकेदार जसवंत के पास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 40 करोड़ के काम थे। इन कामों की खामियां ढूंढकर रंजीत RTI के जरिए जानकारी जुटाकर उसे ब्लैकमेल करता था। रंजीत सोनी जब ठेकेदारी करता था, तब उसने जसवंत से पैसे उधार लिए थे। इसके एवज में 4.60 लाख के चेक दिए थे, जो बाउंस हो गए थे। इसी प्रकार एस. कुमार चौबे को दिया 1.24 लाख रुपए चेक भी बाउंस हो गया था। दोनों ही मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इस मामले में 3 जून को कोर्ट में पेशी होना थी। अपने बचाव में रंजीत जसवंत के विरुद्ध दस्तावेज पेश करने वाला था, जिसमें ठेकेदार द्वारा किए गए घटिया निर्माण व खामियों के दस्तावेज शामिल थे।
RTI यानी राइट टू इनफॉर्मेशन के तहत हम सरकार के किसी भी डिपार्टमेंट से जानकारी मांग सकते हैं। यह पावर अमीर-गरीब से परे हर देशवासी के पास साल 2005 से ही है। RTI के जरिए पूछे गए सवालों का जब सही जवाब मिलता है तो इसका सीधा फायदा लोगों को होता है। अगर किसी मामले में अनियमितताएं मिलती हैं तो दोषियों पर कार्रवाई के भी कई उदाहरण देखने को मिले हैं। RTI के तहत देश में कई घोटालों का पर्दाफाश हुआ है। RTI के जरिए सरकारी डिपार्टमेंट में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों को RTI एक्टिविस्ट कहा जाता है।