Russia Ukraine Conflict: ब्रिटेन ने रूस के 5 बैंकों पर लगाये प्रतिबंध, जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 प्रोजेक्ट पर लगाई रोक
Russia Ukraine Conflict: एत तरफ यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है, तो दूसरी तरफ पश्चिमी देश अपनी आर्थिक ताकत दिखाने में जुट गये हैं। समाचर एजेंसी AFP के मुताबिक ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन रुस के 5 बैंकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही रुस के तीन ‘हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों’ पर प्रतिबंध लगाये गये हैं। इससे पहले पीएम जॉनसन ने मंगलवार को सुरक्षा प्रमुख के साथ बैठक के बाद वादा किया कि रूस के खिलाफ ब्रिटेन सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने दावा किया कि ये प्रतिबंध रूस को बहुत प्रभावित करेंगे। वहीं आक्रमण की स्थिति में हम और भी कड़े कदम उठाएंगे।
क्यों हो रही है रुस के खिलाफ गोलबंदी?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन (Ukraine) में रूस समर्थित अलगाववादी दो क्षेत्रों- ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’’ को “स्वतंत्र” देश के तौर पर मान्यता दे दी है। इतना ही नहीं पुतिन ने रूसी सेना को पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों में ‘‘शांति बनाए रखने’’ का आदेश दिया है। इस आदेश को इन दोनों क्षेत्रों में रूसी सेना की तैनाती के तौर पर देखा जा रहा है। पुतिन के इस फैसले ने यूक्रेन और रूस के तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। पश्चिमी देश इसे एक आक्रामक कार्रवाई मान रहे हैं।
अब तक क्या हुई कार्रवाई?
- यूएस ने पहला कदम उठाते हुए अमेरिकी व्यक्तियों को, यूक्रेन से अलग हुए क्षेत्रों (डोनेट्स्क और लुहान्स्क) के साथ किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- जर्मनी ने रुस के साथ अपने नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट को स्थगित करने का ऐलान किया है। यूरोप में गैस की सप्लाई के लिए ये योजना बहुत अहम मानी जा रही थी।
- ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ ने भी रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने की बात कही है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संघ मंगलवार दोपहर से कदम उठाएगा।
- यूएस ने जर्मनी के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही रुस के खिलाफ और अधिक प्रतिबंधों की घोषणा की जाएगी।
- नाटो ने यूूक्रेन के प्रतिनिधि के साथ अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। उम्मीद है कि इसमें युद्ध की स्थिति में सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
वैसे, यह बताना मुश्किल है कि पश्चिमी देशों के इस आर्थिक प्रतिबंधों से रुस को कितना नुकसान पहुंचेगा और ये पाबंदियां रुस को हमला करने से रोकने में कितनी कारगर होंगी।