सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज हुई है। आयोग ने पीएचडी स्कॉलर डॉक्टर रोहिणी घावरी की शिकायत पर सोमवार को मामला दर्ज किया।
इसके बाद रोहिणी ने कहा, कानूनी लड़ाई शुरू हो चुकी है। सच सामने आकर रहेगा। स्वाभिमान और सम्मान के लिए लड़ूंगी। पीछे नहीं हटूंगी।
डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक दूसरे के संपर्क में आए थे और तीन साल तक रिलेशनशिप में रहे। बाद में रोहिणी ने चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
रोहिणी ने शिकायत में क्या लिखा, हूबहू पढ़िए…
‘मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और अनुसूचित जाति (सफाईकर्मी समुदाय) की महिला, आपके समक्ष यह शिकायत अत्यंत पीड़ा और न्याय की आस के साथ प्रस्तुत कर रही हूं।
2020 में मध्य प्रदेश सरकार की छात्रवृत्ति पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर में पीएचडी के लिए एडमिशन लिया। इसी दौरान मेरी जान-पहचान चंद्रशेखर आज़ाद, सांसद नगीना (बिजनौर, उत्तर प्रदेश) से हुई।
जून 2021 से दोनों के बीच निरंतर संवाद शुरू हुआ। चंद्रशेखर ने मुझे यह विश्वास दिलाया कि वे अविवाहित हैं और मेरी जैसी जीवनसाथी की तलाश में हैं। उन्होंने विवाह का झांसा देकर भावनात्मक रूप से मेरे साथ संबंध बनाए। उनके आश्वासन पर मैंने न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्हें अपनाया, बल्कि उनके राजनैतिक अभियानों में भी सक्रिय रूप से सहयोग दिया।
चंदशेखर ने मेरे भारत आने पर विशेषकर दिल्ली में, कई बार मुझे होटल और अपने द्वारिका स्थित निवास पर बुलाकर यह कहकर शारीरिक संबंध बनाए कि वे मुझसे शीघ्र विवाह करेंगे।
2022 के उत्तरप्रदेश चुनाव में मुझे इनकी पार्टी के कुछ लोगों ने इनके शादी के बारे में बताया, जब मैंने इनसे पूछा तो इन्होंने साफ मना कर दिया, और बोले कि मेरी शादी नहीं हुई है। शादी तो तुमसे ही करूंगा, जब मैंने इस संबंध को समाप्त करने की बात की, तो उन्होंने आत्महत्या करने की धमकी दी और “बहुजन आंदोलन छोड़ने” जैसी बातें कहकर मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
इन्होंने मुझे हमेशा धोखे में रखा, और मुझसे शुरू से खुद को अविवाहित बताकर मेरे साथ शादी का झांसा देकर कई बार मेरी मर्जी के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए।
उन्होंने मेरे प्रेम, विश्वास, निष्ठा और समर्पण का दुरुपयोग किया। विदेश में रहते हुए भी मैंने उनके सामाजिक अभियानों में साथ दिया। लेकिन उन्होंने न सिर्फ मेरे भावनात्मक विश्वास को तोड़ा, बल्कि मुझे सामाजिक रूप से बदनाम भी किया। आज स्थिति यह है कि लोग मुझे “रखैल” जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर रहे हैं, जिससे मैं गहरे अवसाद में चली गई और दो बार आत्महत्या करने का प्रयास किया।
मैं मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह से टूट चुकी हूं। अतः आपसे निवेदन है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए चंद्रशेखर आज़ाद के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाए, ताकि मुझे न्याय मिल सके और कोई भी अन्य बहन-बेटी इस प्रकार की धोखाधड़ी व उत्पीड़न का शिकार न हो सके।
चंद्रशेखर ने कहा था- अब कोर्ट में ही बोलूंगा डॉक्टर रोहिणी ने 9 जून को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर चंद्रशेखर पर आरोप लगाए थे। चंद्रशेखर ने 14 जून या आरोप लगने के 5 दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी थी।
झांसी में कहा- मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि किसी भी महिला का भूल से भी अपमान न हो। मैंने सुना है कि वो (रोहिणी) कोर्ट जा रहे हैं, तो मैं भी अपना जवाब और सच कोर्ट में बताऊंगा। इस दौरान चंद्रशेखर ने रोहिणी का नाम नहीं लिया।

अपर्णा यादव ने कहा था- कार्रवाई होनी चाहिए चंद्रशेखर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर हाल ही में यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा था, महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का गलत बर्ताव करने की इजाजत किसी को नहीं है। यदि रोहिणी के आरोपों की जांच में पुष्टि हो जाती है तो फिर उन पर (चंद्रशेखर) कार्रवाई होनी चाहिए।