विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में देश का झंडा लगाने में 50 साल क्यों लग गए? मैं आरएसएस के सरसंघ चालक से पूछना चाहता हूं कि यहां के एससी-एसटी ओबीसी नेता को तवज्जो क्यों नहीं दी जाती।
इस वर्ग को सरसंघ चालक क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस के पदाधिकारियों से कहना चाहता हूं कि आरएसएस सिर्फ धर्म की बात करती है। डिवाइड और रूल की बात करती है। चुनाव में जय-जय सियाराम की बात करते हैं। धर्म में लोगों को बांटेंगे।
पचमढ़ी में बीजेपी विधायकों और सांसदों के प्रशिक्षण वर्ग को लेकर नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने बीजेपी के साथ आरएसएस पर भी हमला बोला। सिंघार ने कहा कि जल जीवन मिशन में घोटाला हुआ है। आम जनता को पानी नहीं मिल रहा तो क्या आरएसएस पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछेगी कि आखिर क्यों पानी नहीं मिल पा रहा है।
किसान की आय दोगुनी हुई या नहीं, युवाओं को नौकरी मिली या नहीं।
मध्यमवर्गीय परिवार जिनके उद्योग बंद हो रहे हैं। क्या आरएसएस इस पर सवाल करेगी? सिंघार ने कहा कि आरएसएस सिर्फ धर्म की बात करती है। डिवाइड और रूल की बात करती है।
चुनाव में जय जय सियाराम की बात करते हैं। धर्म में लोगों को बांटेंगे। मैं कहता हूं कि धर्म में सबको आस्था है। विकास की बात कीजिए। महंगाई रोकने की बात कीजिए। शिविर से कोई नई बात निकले तब तो बात है, अन्यथा धर्म का पाठ पढ़ाकर भेज देंगे।
टिकट दिया, मंत्री बनाया तो योग्यता और सद्बुद्धि नहीं देखी विधायक और सांसदों के लिए सद्बुद्धि शिविर है। क्या जब विधायक की टिकट दी, मंत्री बनाया तो इनकी योग्यता, बुद्धि नहीं देखी। आज कहना पड़ रहा है कि विधायक और मंत्री सोच समझकर बोलें।
यह मदहोश हो गए हैं। बीजेपी सत्ता के गुरूर में है। पिछले लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा सफल नहीं हो पाया, जनता ने गुरूर तोड़ा। एमपी की जनता आने वाले चुनाव में इनका गुरूर तोड़ेगी। एमपी की जनता 2028 के चुनाव में इनकी सद्बुद्धि का यज्ञ कराएगी।
कटारे ने कहा, प्रशिक्षण शिविर अब विचार का मंच नहीं, झूठ का अखाड़ा बन चुका
उधर बीजेपी के प्रशिक्षण वर्ग पर उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी टिप्पणी की है। कटारे ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी ने पिछले 20 वर्षों में 50 से ज़्यादा प्रशिक्षण शिविर किए और उन्हीं से निकले वो नेता, जो आज संविधान को ललकारते हैं, सेना पर ऊँगली उठाते हैं और महिलाओं का अपमान करते हैं। मंत्री विजय शाह, जगदीश देवड़ा और पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का जिक्र कर कटारने े कहा कि इनके जैसे चेहरों को देखकर साफ़ है,इनका प्रशिक्षण ‘राष्ट्रभक्ति’ नहीं, ‘विघटन’ सिखाता है। इनका प्रशिक्षण शिविर अब विचार का मंच नहीं, झूठ का अखाड़ा बन चुका है, जहाँ नेताओं को देश तोड़ने की भाषा, नफ़रत फैलाने की तकनीक और मंच से बेशर्मी से झूठ बोलने की कला सिखाई जाती है। असल में ये शिविर ‘संघीय टूरिज़्म’ हैं। छुट्टियाँ मनाओ, फोटो खिंचवाओ, और लौटकर ज़हर उगलो।