इंदौर में एक युवक ने अपनी पत्नी के साथ धोखाधड़ी कर दी। महिला की शिकायत पर पति और उसकी महिला मित्र के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर्ड कर ली गई। अब भंवरकुआ पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है।
भंवरकुआ पुलिस के पास आशादेवी परमार निवासी वार्ड रायकनपुर शुजालपुर सिटी जिला शाजापुर पर पहुंची थी। उन्होंने यहां पर अपने पति मुकेश परमार और नागदा के प्रकाश नगर की निवासी उनकी महिला मित्र छाया आर्य के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
अपनी शिकायत में आशा देवी ने बताया-
मैंने साल 2018 में दीपक पालीवाल से एक भूखंड व्यवसायिक संपत्ति ली थी। इसके लिए लार्सन एंड टुब्रो एलएनटी से लोन कराया था। रजिस्ट्री के बाद वहां ताला लगा दिया। 2019 में कोरोना का काल आने के चलते वह इंदौर नहीं आई। साल 2024 में जब मैं उस संपति को देखने पहुंची तो वहां मेरे ताले की जगह दूसरा ताला लगा मिला।
खरीदार ने कहा-आपके पति ही थे गवाह आशा देवी ने बताया कि आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि संपति अब शैलेंद्र लालवानी की है। मामले में आशा ने शैलेंद्र को कॉल किया और संपत्ति की जानकारी मांगी। तब उन्होंने छाया नाम की महिला द्वारा इसे बेचना बताया। जिसमें पति और एक अन्य के गवाह थे।
रजिस्ट्री की ऑनलाइन कॉपी ली तो पता चला कि पति मुकेश ने छाया का फोटो मेरे फोटो के ऊपर लगाकर उससे फर्जी हस्ताक्षर कराए। इस दौरान पति के साथ सुमित गजवानी और दीपक बैरागी को गवाह बनाया और जुलाई 2020 में बेच दी।
पति और महिला की तलाश में पुलिस
रजिस्ट्री में मुकेश और छाया ने जो पता बताया था वहां पर नोटिस भेजने पर उनके नहीं होने की बात सामने आई। इसके बाद मोबाइल से पुलिस ने उनसे संपर्क किया तो वह भी बंद मिले। शैलेंद्र को की गई रजिस्ट्री को लेकर जांच कराई तो उसमें अंगूठे के निशान अलग मिले हैं।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर किए जाने के मामले में केस दर्ज किया है। अब पुलिस पीड़िता के पति और उसके महिला मित्र की तलाश कर रही है।