इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शर्तों के साथ अग्रिम जमानत (एंटीसिपेट्री बेल) दे दी। हालांकि कोर्ट ने मालवीय को पुलिस जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि जांच में सहयोग नहीं करने पर जमानत रद्द की जा सकती है। मालवीय पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का विवादित कार्टून बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
इससे पहले 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मालवीय ने सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी थी। इसके बाद मंगलवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी।
पीएम को इंजेक्शन लगाते हुए दिखाया था
एफआईआर के अनुसार, मालवीय के कार्टून में आरएसएस की वर्दी पहने एक व्यक्ति को शर्ट्स उतारे हुए और प्रधानमंत्री मोदी को इंजेक्शन लगाते हुए दिखाया गया था। इस कार्टून से भावनाएं आहत होने पर इंदौर के विनय जोशी ने पुलिस से शिकायत कर दी थी। पोस्ट में कथित तौर पर भगवान शिव से जुड़ी टिप्पणियां भी थीं, जिन्हें उच्च न्यायालय ने अपमानजनक पाया।
कोर्ट ने दस दिन में माफीनामा लिखने को कहा
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। मालवीय ने कोर्ट में कहा कि वह आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अशोभनीय व्यंग्य चित्र बनाने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर माफीनामा प्रकाशित करेंगे। यह सुनवाई 19 अगस्त को हुई। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दस दिन में माफीनामा प्रकाशित करने का निर्देश दिया।